हेट स्पीच मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी को राहत देने से किया इनकार

हेट स्पीच में सजा होने के बाद विधानसभा की उनकी सदस्यता भी खत्म हो चुकी है. यूपी के विधानसभा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर मऊ में उप चुनाव कराने को कहा है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विधायक रहे अब्बास अंसारी को राहत देने से इंकार किया है. हेट स्पीच के मामले में उन्हें दो साल की सजा हो चुकी है. इसी सजा के खिलाफ अब्बास हाई कोर्ट गए थे. पर उनके हाथ खाली रहे. हाई कोर्ट ने उनकी अपील को निष्फल घोषित कर दिया है. अमऊ सदर से विधायक रहे अब्बास मुख्तार अंसारी के बेटे हैं. माफिया डॉन मुख्तार का जेल में निधन हो चुका है. हेट स्पीच में सजा होने के बाद विधानसभा की उनकी सदस्यता भी खत्म हो चुकी है. यूपी के विधानसभा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर मऊ में उप चुनाव कराने को कहा है.

मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी पहली बार मऊ सदर से विधानसभा का चुनाव लड़े. वो भी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी से. तब सुहेलदेव समाज पार्टी का समाजवादी पार्टी से गठबंधन था. अखिलेश यादव नहीं चाहते थे अब्बास समाजवादी पार्टी से लदें. इसीलिए उन्हें सहयोगी पार्टी के खाते में डाल दिया गया. पांच साल 2022 की है. विधानसभा के चुनाव प्रचार में अब्बास ने कहा कि किसी भी अधिकारी का छह महीने तक ट्रांसफर नहीं होगा. अखिलेश यादव की सरकार बनने पर पहले सबका हिसाब होगा. उनके इसी बयान के आधार पर उन पर केस दर्ज हो गया. 

अब्बास अंसारी के बड़बोले पन के कारण उनके छोटे भाई उमर अंसारी भी केस में फंस गए. दारोगा गंगाराम बिंद की शिकायत पर डेढ़ सौ अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा हुआ. इस मामलों में 31 मई को मऊ की MP MLA कोर्ट ने अब्बास को दो साल की सजा सुनाई. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अब्बास ने सेशन कोर्ट में फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की है. इसीलिए वे वहाँ जायें. हाई कोर्ट ने अब्बास को सीडी  वाले मामले में भी सेशन कोर्ट ही जाने को कहा है. अब्बास का कहना है कि उनके बयान वाली सीडी में छेड़छाड की गई है.
 

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