"क्या नीतीश ने गठबंधन की गुहार लगाई है?" अमित शाह के 'दरवाजे बंद वाले' बयान पर JDU

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "क्या नीतीश कुमार ने दोबारा गठबंधन की गुहार लगाई है? अमित शाह को याद होना चाहिए कि मुख्यमंत्री वर्ष 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में प्रधानमंत्री द्वारा संपर्क किए जाने के बाद शामिल हुए थे."

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
अमित शाह के बयान पर JDU ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. (फाइल)
पटना :

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान कि "भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उसके शीर्ष नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अपने दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं", पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. जदयू नेता राजीव रंजन सिंह ने रविवार को सवाल किया कि "क्या पार्टी नेता और मुख्यमंत्री ने भाजपा से गठबंधन करने की गुहार लगाई है?" उल्लेखनीय है कि शनिवार को राज्य के दौरे पर आए शाह ने पश्चिम चंपारण जिले में आयोजित एक रैली में और बाद में पटना में किसानों और मजदूरों के एक सम्मेलन में इस आशय के बयान दिए थे. 

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "क्या नीतीश कुमार ने दोबारा गठबंधन की गुहार लगाई है? अमित शाह को याद होना चाहिए कि मुख्यमंत्री वर्ष 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में प्रधानमंत्री द्वारा संपर्क किए जाने के बाद शामिल हुए थे."

जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "भाजपा में किसी न किसी रूप में बेचैनी जरूर है क्योंकि उन्होंने (केंद्रीय गृहमंत्री) ने जो बातें कहीं कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा और राजग के दरवाजे सदा के लिए बंद हो चुके हैं, तो हमें यह समझ में नहीं आ रहा है, उन्हें बार-बार यह बात कहने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? क्या वे इसकी जरूरत तो नहीं महसूस कर रहे हैं." 

Advertisement

चौधरी, जिन्हें नीतीश के संकटमोचक में से एक के रूप में जाना जाता है, ने कहा,“ नीतीश कुमार राजग में दाखिले कोई आवेदन लेकर भाजपा के दरवाजे पर तो नहीं खड़े हुए हैं, फिर इस तरह के बयान का क्या अर्थ हो सकता है.‘

Advertisement

उल्लेखनीय है कि भाजपा और नीतीश कुमार ने पहली बार 1990 के दशक में गठबंधन किया था जब नीतीश की पार्टी 'समता पार्टी' के रूप में जानी जाती थी. 

Advertisement

यह गठबंधन एक दशक से अधिक समय तक जारी रहा, पर अपने गुजरात समकक्ष नरेंद्र मोदी को भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर नीतीश ने 2013 में राजग से नाता तोड़ लिया था. 

Advertisement

वर्ष 2015 में राष्ट्रीय जनता दल ( राजद) और कांग्रेस के साथ मिल कर महागठबंधन की सरकार बनाने वाले नीतीश ने वर्ष 2017 में महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बना ली थी. 

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा, "देश के गृहमंत्री अमित शाह जी, अब तक जो आप जुमलेबाज़ी करके देश की जनता को ठगते आ रहे हैं, उसका हिसाब दीजिए.?"

उन्होंने कहा, "18 करोड़ युवाओं को रोजगार, हर गरीब के घर में गैस भरा सिलिंडर, हर भारतीयों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ और प्रत्येक व्यक्ति के खाते में 15-15 लाख रुपये कबतक जमा करवा रहें हैं?"

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त की है, जिनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने नीतीश के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए पिछले साल जदयू के राजग छोड़ने का अनुसरण किया था.

मांझी ने कहा, "जब नीतीश कुमार ने कभी नहीं कहा कि वह राजग में वापस आना चाहते हैं, तो मुझे समझ नहीं आता कि अमित शाह इस बात को दोहरा कर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं."

शाह का बयान नीतीश के उस दावे के लगभग एक महीने बाद आया कि वह भाजपा के साथ गठबंधन करने के बजाय मौत को तरजीह देंगे. 
 

ये भी पढ़ें :

* गृह मंत्री अमित शाह का नीतीश कुमार पर बयान भाजपा की बेचैनी का प्रमाण : विजय कुमार चौधरी
* "...बीजेपी 100 से कम सीटों पर सिमट जाएगी", नीतीश कुमार ने एक बार फिर विपक्षी दलों की एकता पर दिया जोर
* "बहुत हुआ 'आया राम, गया राम'..." : अमित शाह ने कहा- नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Maharashtra Election 2024: इस बार Asaduddin Owaisi का क्या है प्लान?| NDTV Election Cafe