क्या ममता फासीवादी विचारधारा के रास्ते पर चल पड़ीं हैं : कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ममता बनर्जी पर ‘प्रधानमंत्री मोदी की तरह विधायकों एवं पार्टियों की तोड़फोड़ करने’ का आरोप लगाया और सवाल किया कि कहीं वह फासीवादी विचारधारा के रास्ते पर तो नहीं चल पड़ी हैं?

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
ममता बनर्जी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘आप ज्यादातर समय विदेश में नहीं रह सकते हैं".
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने उन पर पलटवार करते हुए गुरुवार को कहा कि तीन-चार बार भाजपा के साथ हाथ मिलाने वाली ममता की ओर से सिद्धांतों का पाठ पढ़ाया जाना अनुचित है और अब तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियों को तय करना होगा कि उनकी प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ना है या फिर कांग्रेस के खिलाफ? कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ममता बनर्जी पर ‘प्रधानमंत्री मोदी की तरह विधायकों एवं पार्टियों की तोड़फोड़ करने' का आरोप लगाया और सवाल किया कि कहीं वह फासीवादी विचारधारा के रास्ते पर तो नहीं चल पड़ी हैं?

ममता बनर्जी दो दिवसीय दौरे पर आज पहुंचेंगी मुंबई, सिद्धिविनायक मंदिर में करेंगी दर्शन

गौरतलब है कि बुधवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा था कि राजनीति के लिए लगातार प्रयास आवश्यक हैं. राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘आप ज्यादातर समय विदेश में नहीं रह सकते हैं.'' यह पूछने पर कि क्या वह चाहती हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार संप्रग के अध्यक्ष बनें, इस पर ममता बनर्जी ने कहा था, ‘‘अब कोई संप्रग नहीं है.''

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि जब ममता संप्रग में नहीं है तो फिर वह इस गठबंधन के बारे में बात क्यों कर रही हैं? उन्होंने कहा, ‘‘ममता जी का हम सम्मान करते हैं. लेकिन यह वही ममता जी हैं जो 1999 में भाजपा और राजग के साथ चली गई थीं और वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री बन गई थीं. 2001 में उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा पसंद नहीं है और फिर कांग्रेस के साथ आ गईं और मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा. 2003 में कांग्रेस फिर से नापसंद हो गई और वह भाजपा के साथ चली गईं और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में खनन मंत्री बनीं. उस वक्त ममता ने कहा कि भाजपा हमारी स्वाभाविक साझेदार है.''

Advertisement

"हर बार सोनिया गांधी से क्यों मिलूं?" पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने दिए बड़े संकेत

उनके मुताबिक, ‘‘ममता 2004 का लोकसभा चुनाव फिर से भाजपा के साथ मिलकर लड़ीं. 2008 में उन्हें भाजपा फिर नापंसद हो गई और वह कांग्रेस के साथ आ गईं और संप्रग सरकार में मंत्री बन गईं. 2012 में संप्रग फिर नापंसद हो गईं और वह अलग हो गईं.'' सुरजेवाला ने तृणमूल कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘राजनीतिक अवसरवादिता और सिद्धांतों की लड़ाई में अंतर होता है. तीन-चार बार-बार आप भाजपा के साथ जाओ और फिर दो-तीन बार कांग्रेस के साथ वापस आओ, इसके बाद सिद्धांतों का पाठ पढ़ाओ, यह अनुचित है.'' उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ममता जी वही कर रही हैं जो मोदी जी कर रहे हैं. मोदी जी भी विधायक एवं पार्टियां तोड़ते हैं, ममता जी भी वही कर रही हैं.'' सुरजेवाला ने तंज भरे लहजे में सवाल किया कि कहीं ममता फासीवादी विचारधारा के रास्ते पर तो नहीं चल गईं हैं?

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘गत 20 अगस्त को ममता जी ने कहा था कि भाजपा को हराने के लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ आना चाहिए. लेकिन यह उस वक्त नहीं होगा जब आप भाजपा की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद के लिए खड़े हो जाओ. यह तब होगा जब सब एकजुट होंगे. गोवा में कांग्रेस जीत हो रही है, इसलिए वहां एक कंसलटेंट (सलाहकार) की बैसाखी के सहारे आप लड़ रही हैं.''

Advertisement

सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या आप मोदी जी के साथ हैं या फिर उस समसरता वाली विचाराधारा के साथ हैं जो कांग्रेस प्रतिबिंबित करती है? कांग्रेस महासचिव ने कहा , ‘‘हम भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ने के लिए दूसरे दलों के साथ काम करने को तैयार हैं, लेकिन दूसरे दलों को सोचना होगा कि क्या उनकी प्राथमिकता भाजपा के खिलाफ लड़ना है या फिर कांग्रेस से लड़ना है.''

Advertisement

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘कांग्रेस प्रजातंत्र है, सच्चाई है, भाईचारा है, समरसता है, विविधता में एकता है. हमारी लड़ाई एक व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं है. हमारी लड़ाई भाजपा और आरएसएस की विचारधारा एवं सोच से है. वह लड़ाई संकल्पबद्ध तरीके से राहुल गांधी जी, सोनिया गांधी जी, प्रियंका गांधी जी और कांग्रेस हर नेता बगैर झुके और डरे लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं.'' सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह बात सभी विपक्षी दलों समेत सभी लोगों को जानने, समझने और आत्मसात करने की जरूरत है.'' उन्होंने प्रशांत किशोर की टिप्पणी को लेकर कहा, ‘‘हम एक राजनीतिक दल है और हम कंसलटेंट की टिप्पणियों पर टिप्पणी नहीं करते. खासतौर पर जब उनकी अपनी विचारधारा नहीं हो और वह मोदी जी के भी कंसलटेंट रहे हों.''

इससे पहले, किशोर ने ट्वीट किया, ‘‘जिस विचारधारा और राजनीति का कांग्रेस प्रतिनिधित्व करती है, वह मजबूत विपक्ष के लिए अहम है, लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी एक व्यक्ति का नैसर्गिक अधिकारी नहीं है, विशेषकर तब जब पार्टी पिछले 10 साल में 90 प्रतिशत चुनाव हारी है.'' उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेतृत्व का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होने दीजिए.''

'राजनीतिक विरोध अपनी जगह लेकिन....': पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
UP Assembly Elections 2027: CM Yogi के खिलाफ Akhilesh Yadav का 25 हज़ार वाला प्लान!
Topics mentioned in this article