अपने परिवार से ठुकराए जाने के बाद दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाई और 2019 का हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा. 10 सीटें जीत किंगमेकर बन गए और भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार में उप-मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि, महज पांच सालों बाद उनकी पार्टी इन सभी 10 सीटों पर पिछड़ती नजर आ रही है.
जजपा की 10 सीटों पर 2024 के विधानसभा चुनाव में 7 पर कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है. वहीं भाजपा 3 सीटों पर आगे है. खुद दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला पीछे चल रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतनी तेजी से हरियाणा की राजनीति में छा जाने वाली पार्टी और युवाओं के नेता बन चुके दुष्यंत चौटाला से कहां गलती हो गई.
पहले माना जा रहा था कि भाजपा के साथ गठबंधन करने से जजपा से जाट वोटर नाराज है, लेकिन भाजपा का ही इन सीटों ुपर आगे होना ये बताता है कि जजपा का भाजपा से अलग होना भी हरियाणा की जनता को पसंद नहीं आया. साथ ही हरियाणा की जनता ने इस बार क्षेत्रीय दलों के मुकाबले राष्ट्रीय पार्टियों को तरजीह दी है.