हरियाणा (Haryana) के स्कूलों में छोटी कक्षा के बच्चे इस शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षाओं (Haryana Class Board Exams) से नहीं डरेंगे. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्कूली बच्चों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. कोरोना के कारण स्कूलों में बच्चों की शिक्षा पहले ही प्रभावित हुई है और ऐसे में 5वीं और 8वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने के सरकार के फैसले का अभिभावक विरोध कर रहे थे. बच्चों और अभिभावकों के विरोध प्रदर्शन के बाद अब हरियाणा सरकार ने यह फैसला एक साल के लिए टाल दिया है. हरियाणा में अब इस शैक्षणिक सत्र में 1 साल के लिए पांचवीं, आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी. हरियाणा में यह फैसला केवल हरियाणा बोर्ड पर ही लागू नहीं होगा बल्कि CBSE की परीक्षाओं पर भी लागू होगा. मुख्यमंत्री की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक अगले सत्र से अगले सत्र से 5th, और 8th की बोर्ड परीक्षा चालू की जाएंगी. चालू सत्र में स्कूल स्कूल अपने स्तर पर ही परीक्षा लेंगे.
हरियाणा सरकार (Haryana Government) द्वारा कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं करवाने के प्रस्ताव से अभिभावक खुश नहीं थे और सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे थे. 5वीं और 8वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा के फैसले के खिलाफ हरियाणा के गुरुग्राम में छात्रों और उनके अभिभावकों की ओर से प्रदर्शन किया गया था. प्रदर्शन में शामिल हुए छात्रों ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई. एक छात्र ने कहा कि, मेरी क्लास में कोई भी बच्चा बोर्ड परीक्षा नहीं चाहता है. यहां तक की मेरी आधी क्लास के बच्चों को अभी तक ये भी नहीं पता है कि बोर्ड परीक्षा होती क्या है.
हरियाणा सरकार के इस फैसले को लेकर हरियाणा के स्कूलों के संगठनों ने 9 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें बोर्ड परीक्षा लेने के निर्णय को चुनौती दी गई है. 10 फरवरी को इस मामले की सुनवाई हुई थी. जिसमें कोर्ट ने 4 अप्रैल को होने वाली अपनी सुनवाई तक फैसला सुरक्षित रखा है.
वहीं मामले को बढ़ता देख राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 25 फरवरी को इस मुद्दे पर स्कूलों संघों के साथ बैठक करने वाले हैं.