भाजपा ने सभी को चौंकाते हुए तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने के लिए निर्णायक सीटें हासिल कर ली हैं. चुनाव आयोग के अनुसार, हरियाणा चुनाव में भाजपा को 39.94 प्रतिशत, कांग्रेस को 39.09, आप को 1.79, जेजेपी को 0.90, आईएलडी को 4.14 प्रतिशत मिले हैं. साफ जाहिर है कि भाजपा और कांग्रेस के मतों में ज्यादा का अंतर नहीं है, लेकिन भाजपा फिर भी 50 सीटों के आंकड़े को छूने की तरफ बढ़ रही है.
सबसे खास बात ये है कि जाटलैंड में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. अभी तक के आंकड़ों के अनुसार, 33 जाट बाहुल्य सीटों में कांग्रेस महज 14 सीटों पर आगे है. वहीं इन सीटों पर कमजोर मानी जानी वाली भाजपा 14 सीटें जीत गई है. निर्दलीय भी 2 सीटों जीतने में कामयाब रहे. साफ है कि कांग्रेस को जिस वोटर्स पर सबसे ज्यादा भरोसा था, उसी ने उसका उतना साथ नहीं दिया.
ये भी एक कारण
हरियाणा में सर्वाधिक मतदान 2014 में हुआ था. तब 76.13 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था. यहां विधानसभा चुनाव में औसत मतदान 68.55 प्रतिशत रहा है. नौ बार औसत से अधिक मतदान होने पर 6 बार सरकार बदल गई. इस बार 65.65 प्रतिशत मतदान हुआ है. ऐसे में कम मतदान भाजपा के लिए एक संजीवनी साबित होती दिख रही है. साथ ही विरोधी मतों के विभाजन ने भी भाजपा को फायदा दिलाया.