हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू किरण चौधरी और उनकी बेटी व पूर्व सासंद श्रुति चौधरी आज बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं. इसके साथ ही एक अजब संयोग भी बना है. यानी हरियाणा के तीनों लालों के 'लाल' बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. देवीलाल, भजनलाल, बंसीलाल की पीढ़ियां ने अब बीजेपी से नाता जोड़ लिया है. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई, रेणुका बिश्नोई और भव्य बिश्नोई बीजेपी में हैं ही और देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में एक बंसीलाल का परिवार ही बचा था. लेकिन अब उनकी बहू किरण चौधरी और पोती श्रुति चौधरी भी आज बीजेपी में शामिल हो गई.
हरियाणा कांग्रेस को लगा बड़ा झटका
किरण चौधरी के बीजेपी में जाने से हरियाणा में कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है. किरण चौधरी और उनकी बेटी एवं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इस्तीफे देने की जानकारी दी. इसके साथ ही किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी अपना त्यागपत्र भेज दिया था. इस्तीफे के साथ ही ये तय माना जा रहा था कि दोनों ही बुधवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकती हैं. किरण चौधरी वर्तमान में हरियाणा की तोशाम सीट से विधायक हैं. श्रुति चौधरी हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष थीं.
किरण चौधरी की राह क्यों कांग्रेस से अलग हुई
रिपोर्ट्स के मुताबिक- किरण चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने इस्तीफे में आरोप लगाया कि हरियाणा कांग्रेस महज एक आदमी की पार्टी बनकर रह गई है. उन्होंने बिना नाम लिए हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा. पार्टी को व्यक्तिगत जागीर के रूप में चलाया जा रहा है. मेरे जैसे ईमानदारों की पार्टी में कोई जगह नहीं है. आवाज दबाकर मुझे अपमानित किया गया. मेरे खिलाफ साजिश रची गई.
हालांकि मेरा उद्देश्य हमेशा राज्य और देश के लोगों की सेवा करना ही रहा है. उन्होंने त्यागपत्र में लिखा कि मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं. मैं पिछले 4 दशकों से कांग्रेस पार्टी के साथ एक वफादार सदस्य के तौर पर जुड़ी रही हूं. इन 40 सालों में मैंने पार्टी और लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित किया. मैं आधुनिक हरियाणा के निर्माता बंसीलाल और मेरे स्वर्गीय पति चौधरी सुरेंद्र सिंह की समृद्ध विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती हूं.
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