हरियाणा में पिछले साढ़े 9 सालों से भंग चल रहे कांग्रेस संगठन (Congress) को खड़ा करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की कोशिशें जारी हैं. हाल ही में आए पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने संगठन को खड़ा करने के लिए जिलों में प्रभारी नियुक्ति किए हैं. जिनकी रिपोर्ट पर ही पार्टी जिलाध्यक्षों के नामों पर केंद्रीय नेतृत्व मुहर लगाएगा. हरियाणा कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, इस महीने के अंत तक राज्य में कांग्रेस संगठन का ढांचा तैयार कर लिया जाएगा. हर जिले में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी.
पिछले कई साल से हरियाणा में अंदरूनी गुटबाजी और खींचतान की वजह से कांग्रेस संगठन खड़ा नहीं हो पाया है. हरियाणा कांग्रेस में जारी गुटबाजी और अंदरूनी खींचतान पर कांग्रेस के महासचिव तारीक अनवर ने NDTV से कहा, "लोकतांत्रिक दलों में इस तरह के मनमुटाव होते हैं, लेकिन जब चुनाव आएगा; तो हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे." तारीक अनवर ने आगे कहा, "जिला स्तर पर कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्दी पूरी होगी. हम बूथ स्तर तक कांग्रेस संगठन को खड़ा करेंगे. इसके लिए कांग्रेस के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष हालात पर नजर रख रहे हैं."
हमारे बीच मन का कोई भेद नहीं
NDTV से बातचीत में कांग्रेस के महासचिव तारीक अनवर ने कहा, "मनमुटाव का मतलब यह नहीं है कि मतभेद है. हमारे बीच मन का कोई भेद नहीं है. हमारी को-ऑर्डिनेशन कमेटी होगी. चुनाव में को-ऑर्डिनेशन कमेटी पार्टी ही रणनीति बनाएगी."
ऑब्जर्वर की रिपोर्ट मेरे पास-बाबरिया
इस बीच कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने NDTV से कहा, "हरियाणा में जिला स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षकों) की रिपोर्ट मेरे पास आई है. मैं रिपोर्ट को 15 से 17 सितंबर के बीच AICC (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) को सौंप दूंगा. जिला स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति AICC के स्तर पर की जाती है."
2014 के बाद से नहीं बन पाया कांग्रेस संगठन
बता दें कि हरियाणा में 2014 के बाद से कांग्रेस संगठन नहीं बन पाया है. संगठन नहीं बनने में स्थानीय नेताओं की गुटबाजी बड़ी वजह बताई जा रही है. हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गुट सबसे मजबूत बताया जा रहा है. अब रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी (SRK) भी साथ आ गए हैं, ये सभी हुड्डा के खिलाफ एक साथ है. हुड्डा की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को उन्हीं की मर्जी से लगाया गया है.
स्टेट ऑब्जर्वर की मौजूदगी में भिड़ गए थे हुड्डा-सुरजेवाला के समर्थक
इससे पहले 5 सितंबर को हरियाणा के करनाल में कांग्रेस की जिला स्तरीय बैठक के दौरान स्टेट ऑब्जर्वर की मौजूदगी में हुड्डा-सुरजेवाला के समर्थक भिड़ गए. इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर लात और घूंसे चले. काफी हंगामे के बाद दोनों पक्षों को शांत किया गया. जिसके बाद हुड्डा गुट के लोग मीटिंग में चले गए, लेकिन रणदीप सुरजेवाला ग्रुप के लोग रेस्ट हाउस के बाहर खड़े होकर नारेबाजी करते रहे. सुरजेवाला समर्थकों ने ऑब्जर्वर वापस जाओ के नारे लगाते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस की मीटिंग की जानकारी ही नहीं दी गई थी.
गुटबाजी से कार्यकर्ताओं में रोष
इस घटना के एक दिन बाद 6 सितंबर को पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी (SRK) गुट के कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी हुई. जिलों में हो रहे विरोध के बीच हुड्डा विरोधी खेमे के नेता सुरजेवाला, शैलजा और किरण चौधरी दिल्ली पहुंच गए हैं. जहां उन्होंने हरियाणा में चल रहे हालातों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से अपनी नाराजगी जाहिर की. कुमारी शैलजा ने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद कहा कि जिलों में बाहर के प्रभारी लगा दिए गए हैं, जो असली कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहे हैं. इससे कार्यकर्ताओं में रोष है.