देवीलाल से लेकर दुष्यंत, जानिए हरियाणा में कभी 'धाकड़' रहे चौटाला परिवार की पूरी कहानी

Haryana Chautala Family Tree: चौधरी देवीलाल एक ऐसा नाम हैं, जिसके बिना हरियाणा की राजनीति अधूरी मानी जाती है. 1971 तक कांग्रेस में रहने वाले चौधरी देवीलाल ने 1977 में जनता पार्टी जॉइन कर ली थी. 1987 में उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) बनाई. करीब 4 दशकों तक चौटाला परिवार ने हरियाणा की राजनीति को तय किया है. इनकी तीसरी और चौथी पीढ़ी राजनीतिक मैदान में है.

Advertisement
Read Time: 8 mins
चंडीगढ़/नई दिल्ली:

हरियाणा में 1 अक्टूबर को विधानसभा के चुनाव होने हैं. 4 अक्टूबर को नतीजे का ऐलान हो जाएगा. हरियाणा में चुनाव और सियासत की बात हो और चौटाला परिवार का जिक्र न हो... ये कैसे हो सकता है. हरियाणा के 'ताऊ' के नाम से मशहूर चौधरी देवी लाल चौटाला के परिवार का सियासी रसूख इतिहास में दर्ज है. सिरसा जिले की डबवाली तहसील का चौटाला गांव देवीलाल की जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों रही है.

आइए जानते हैं हरियाणा के चौटाला परिवार में कौन-कौन हैं? कितना धाकड़ रह गया चौटाला परिवार?

चौधरी देवीलाल चौटाला
चौधरी देवीलाल को हरियाणा का सबसे लोकप्रिय नेता कहा जाए, तो गलत नहीं होगा. वो जननायक के नाम से भी मशहूर थे. चौधरी देवीलाल एक ऐसा नाम हैं, जिसके बिना हरियाणा की राजनीति अधूरी मानी जाती है. 1971 तक कांग्रेस में रहने वाले चौधरी देवीलाल ने 1977 में जनता पार्टी जॉइन कर ली थी. 1987 में उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) बनाई. 1989 में जब केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी, तो वो डिप्टी पीएम बनाए गए. करीब 4 दशकों तक चौटाला परिवार ने हरियाणा की राजनीति को तय किया है. इनकी तीसरी और चौथी पीढ़ी राजनीतिक मैदान में है. 

BJP-JJP ने 'सीक्रेट डील' से तोड़ा गठबंधन? क्या वाकई बिगड़े रिश्ते या कांग्रेस का बिगाड़ना है 'खेल'

हरकी देवी
1926 में चौधरी देवीलाल ने हरकी देवी से शादी की. चौधरी देवीलाल और हरकी देवी के चार बेटे और एक बेटी थी. सबसे बड़े बेटे ओम प्रकाश चौटाला है. दूसरे बेटे का नाम प्रताप चौटाला, तीसरे बेटे का नाम रणजीत सिंह चौटाला और चौथे बेटे का नाम जगदीश चौटाला है. इनमें से प्रताप चौटाला और जगदीश चौटाला का निधन हो चुका है. बेटी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.

Advertisement

ओम प्रकाश चौटाला
देवीलाल चौटाला के सबसे बड़े बेटे ओम प्रकाश चौटाला हैं. वो 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे. ओमप्रकाश चौटाला की राजनीतिक यात्रा और व्याक्तिगत जीवन काफी सुर्खियों में रहा है. 89 साल की उम्र में भी इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को राज्य में दोबारा खड़ा करने में लगे ओमप्रकाश चौटाला एक बार दिल्ली एयरपोर्ट पर सोने की घड़ियों की तस्करी के आरोप में पकड़े गए थे. उस समय पिता देवीलाल ने उन्हें परिवार से निकाल दिया था. हालांकि, उन्होंने बाद में अपने परिवार और सियासत की विरासत ओमप्रकाश चौटाला को ही सौंपी.

Advertisement

रणजीत सिंह चौटाला
देवीलाल के दूसरे बेटे रणजीत सिंह चौटाला की अपने बड़े भाई ओमप्रकाश चौटाला से अच्छी नहीं बनी. रणजीत सिंह चौटाला को कभी देवीलाल का सियासी उत्तराधिकारी माना जाता था, लेकिन देवीलाल ने अपने बड़े बेटे को जिम्मेदारी सौंपी. इसके बाद दोनों भाइयों में दूरियां आ गई. बाद में रणजीत चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) से किनारा कर लिया. वो कांग्रेस में शामिल हो गए. सिरसा का रनिया विधानसभा क्षेत्र उनकी कर्मभूमि बनी. वह दो बार यहां से चुनाव भी हारे. 2019 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. रणजीत सिंह के दो बेटे गगनदीप और संदीप सिंह हुए. संदीप सिंह का निधन हो गया है, जबकि गगनदीप फिलहाल राजनीति में एक्टिव नहीं हैं.

Advertisement

अजय सिंह चौटाला
अजय चौटाला, ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे हैं. मौजूदा समय में वो जनता जननायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. INLD में टूट के बाद ये पार्टी बनी. अजय चौटाला राजस्थान की दातारामगढ़ और नोहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं. 1999 में वो भिवानी लोकसभा से सांसद बने. 2004 में हरियाणा से राज्यसभा के सांसद चुने गए. फिर 2009 में डबवाली से विधायक बने. वो भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जेबीटी घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला के साथ अजय चौटाला को भी 10 साल की सजा हुई थी. फिलहाल वो सजा पूरी करके जेल से रिहा हो चुके हैं.

Advertisement

सियासत में हमेशा गठबंधन की संभावनाएं... : BJP से अलग हो चुके दुष्यंत चौटाला ने दिए कौन से संकेत?

अभय सिंह चौटाला
ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला हैं. इन्हें ओम प्रकाश चौटाला की राजनीतिक विरासत मिली है. फिलहाल वो INLD के राष्ट्रीय महासचिव हैं. अभय सिंह चौटाला की सियासी करियर की शुरुआत चौटाला गांव से ही हुई थी. वो 2000 में सिरसा की रोड़ी सीट से विधायक चुने गए. अभय चौटाला 2009, 2014 और 2021 में विधायक चुने गए हैं. वो हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन, स्टेट वॉलीबॉल और मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं.

नैना चौटाला
अजय चौटाला की पत्नी नैना चौटाला भी राजनीति में एक्टिव हैं. पति के जेल जाने के बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री की. नैना चौटाला परिवार की पहली महिला हैं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा. उन्होंने 2014 में डबवाली सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक चुनी गईं. चौटाला परिवार में फूट पड़ने के बाद उन्होंने JJP के टिकट पर भिवानी की बाढ़ड़ा सीट से चुनाव जीता. 

कांता चौटाला
कांता चौटाला, अभय चौटाला की पत्नी हैं. वो भी INLD में एक्टिव हैं. 2016 में वो जिला पंचायत चुनाव में उतरीं थी, लेकिन उन्हें अभय के चचेरे भाई आदित्य चौटाला ने हरा दिया था. कांता चौटाला ने फिलहाल पार्टी की महिला मोर्चा की कमान संभाल रखी है.

हरियाणा में आखिर क्यों टूटा BJP-JJP का गठबंधन? दुष्यंत चौटाला ने सियासी उलटफेर के 8 दिन बाद बताई वजह

दुष्यंत चौटाला
अजय चौटाला-नैना चौटाला के बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला हैं. 2014 में उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और सबसे कम उम्र के सांसद बने. 2018 में INLD से अलग होकर उन्होंने जनता जननायक पार्टी (JJP) बनाई. 2019 में चुनी गई सरकार के किंग मेकर बने. मात्र 31 साल की उम्र में वह हरियाणा के डिप्टी सीएम रह चुके हैं. हालांकि, हाल ही में हरियाणा में BJP के साथ JJP का गठबंधन टूटने के बाद दुष्यंत सरकार में नहीं हैं.

दिग्विजय चौटाला
दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला भी राजनीति में एक्टिव हैं. वो पहले INLD में यूथ विंग के अध्यक्ष थे. दिग्विजय चौटाला  वर्तमान में जननायक जनता पार्टी (JJP) के महासचिव हैं. वो छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. 

कर्ण चौटाला
कर्ण चौटाला, अभय और कांता चौटाला के बड़े बेटे हैं. वह INDL में युवा चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं. 2016 के जिला पंचायत चुनाव में कर्ण ने सिरसा से जीत हासिल की. 2022 में सिरसा जिला परिषद के वह चेयरमैन बने. 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

अर्जुन चौटाला
अभय चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला भी बड़े भाई की तरह पार्टी संगठन में सक्रिय हैं. वह INLD की यूथ विंग के अध्यक्ष हैं. कुरुक्षेत्र से 2019 के लोकसभा चुनाव में अर्जुन चौटाला उतरे, लेकिन जीत नहीं मिली. इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं.

दुष्यंत चौटाला के चार विधायक... जो बन सकते हैं BJP के लिए हरियाणा में 'तुरुप का इक्का'

आदित्य चौटाला
देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला राजनीति में नहीं आए. लेकिन उनके बेटे आदित्य चौटाला ने BJP जॉइन कर ली. 2016 में उन्होंने अभय की पत्नी कांता चौटाला को जिला परिषद चुनाव में हराया था. आदित्य चौटाला मनोहर लाल खट्टर सरकार में हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन रह चुके हैं. बाद में उन्हें नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट मार्केटिंग बोर्ड का राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 2024 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट पक्का माना जा रहा है.

हरियाणा में कितना धाकड़ रह गया चौटाला परिवार?
वैसे तो चौटाला परिवार का राजनीतिक इतिहास जबरदस्त रहा है. इंडियन नेशनल लोकदल परिवार की पार्टी रही है. लेकिन अब परिवार में फूट पड़ चुकी है और पार्टी भी टूट चुकी है. INLD का नेतृत्व 89 वर्षीय ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अभय चौटाला कर रहे हैं. जबकि INLD से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (JJP) की कमान ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला और उनके बेटे दुष्यंत चौटाला के हाथों में हैं.

Analysis: क्या JJP का शिवसेना और NCP जैसा होगा हाल? BJP ने पहले तोड़ा नाता, अब विधायकों पर नजर!

2019 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में जननायक जनता पार्टी (JJP) ने अच्छा प्रदर्शन किया. INLD के हिस्से सिर्फ एक ही सीट आई थी. उसका वोट प्रतिशत भी गिर गया था. इसके बाद लोकसभा चुनाव के ठीक पहले BJP ने JJP के साथ गठबंधन तोड़ लिया. BJP ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया. जिसके बाद दुष्यंत चौटाला को न चाहते हुए भी डिप्टी सीएम पद छोड़ना पड़ा. बाद में खट्टर केंद्र में मंत्री बन गए. 

2024 के लोकसभा चुनावों में JJP ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि INLD ने उनमें से 7 सीटों पर चुनाव लड़ा. दोनों ही पार्टियों को एक भी सीट नहीं मिली. राज्य में JJP की हालत कमजोर होती गई. पहले पार्टी के पास 10 विधायक थे. अब सिर्फ 3 विधायक ही बचे हैं. बाकी या तो BJP में शामिल हो गए या कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं.

JBT घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सज़ा हुई पूरी, कागजी कार्रवाई पूरी होते ही होंगे रिहा

Featured Video Of The Day
PM Modi 3.0 100 Days: मोदी 3.0 के पहले 100 दिन और विदेश नीति का खाका | Sach Ki Padtaal