हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम करीब-करीब साफ हो चुका है.राज्य में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है.चुनाव आयोग के मुताबिक बीजेपी अबतक 20 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 30 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. इस तरह 50 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं.वहीं कांग्रेस के खाते में अबतक 15 सीटें आई हैं और वह 20 सीटों पर आगे चल रही है.हरियाणा के इस चुनाव परिणाम से यह पता चलता है कि हरियाणा में इस चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का जादू जमकर बोला है. आइए देखते हैं कि हरियाणा में बीजेपी ने यह कारनामा कैसे कर दिखाया.
इस जीत की बीजेपी कबसे बना रही थी योजना
हरियाणा के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले ही काम करना शुरू कर दिया था. इसी रणनीति के तहत मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया. लोकसभा चुनाव लड़वाकर केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. इसका दो फायदा हुआ. सैनी को सीएम बनाने से सैनी समाज बीजेपी के साथ और मजबूती से खड़ा हुआ. इसके साथ ही पंजाबी समाज खट्टर को सीएम पद से हटाने से नाराज भी नहीं हुआ, क्योंकि उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया था. बीजेपी की यह रणनीति काम कर गई.
नौजवान और किसान कैसे आए बीजेपी के साथ
विपक्ष ने विधानसभा चुनाव में नैरेटिव सेट करने की कोशिश की कि हरियाणा के किसान और नौजवान बीजेपी से नाराज हैं. लेकिन चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि विपक्ष का यह नैरेटिव काम नहीं आया. इन दोनों समुदाय ने बीजेपी को जमकर वोट दिया है. दरअसल बीजेपी ने इस नैरेटिव को देखते हुए दोनों समुदायों को रिझाने की कोशिश की. बीजेपी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में किसानों के लिए 24 फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी की. वहीं नौजवानों के लिए कहा कि अग्नीवीर योजना से रिटायर होने वाले सैनिकों को राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा.बीजेपी के इस वादे पर किसानों और नौजवनानों ने विश्वास किया और उसे वोट दिया. इसके अलावा बीजेपी ने पूरे चुनाव प्रचार में यह बताया कि कांग्रेस की सरकार में बिना खर्ची-पर्ची के नौकरी नहीं मिलती थी. दरअसल वह यह बताने की कोशिश कर रही थी कि कांग्रेस सरकार में सिफारिश और पैसे से ही नौकरी मिलती है. बीजेपी के इस नैरेटिव ने भी वोट बटोरने में काम किया.
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