बॉलीवुड और हॉलीवुड में सुपर हीरो को हार्ले डेविडसन या बीएमडब्ल्यू जैसी सुपर बाइक्स पर हवा से बातें करते हुए सभी ने देखा होगा. अब उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) के जवान भी हार्ले डेविडसन या फिर बीएमडब्ल्यू जैसी सुपर बाइक्स से क्राइम और ट्रैफिक कंट्रोल करते हुए नजर आएंगे. इन सुपर बाइक्स को खरीदने के लिए बाकायदा यातायात निदेशालय ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है, लेकिन 80 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबे उत्तराखंड के लिए इस तरह की फिजूलखर्ची को लेकर भी सवाल पूछा जा रहा है.
उत्तराखंड यातायात निदेशालय के निदेशक मुख्तार मोहसिन ने कहा कि हमारे पास रोड सेफ्टी वर्क के लिए 50 फोर व्हीलर और 40 टू व्हीलर हैं. एक्सपेरिमेंट बेस पर हमने 8 हार्ले डेविडसन या फिर बीएमडब्ल्यू खरीदने का प्लान बनाया है. रोड सेफ्टी फंड मैनेजमेंट के अंतर्गत प्रपोजल पास हो गया है और जल्द ही बाइक ऑन रोड हो जाएगी.
1 करोड़ 68 लाख में खरीदी जाएंगी 8 बाइक
पहले चरण में 8 हाईटेक बाइक 1 करोड़ 68 लाख रुपये में खरीदी जाएंगी. साथ ही शोल्डर लाइट, बॉडी वन कैमरे, कन्वैक्स मिरर जैसे उपकरण भी खरीदे जाएंगे.
फिलहाल आठ हार्ले डेविडसन या फिर बीएमडब्ल्यू जैसी हाईटेक बाइक खरीदी जाएगी. इन बाइक की कीमत 3 लाख से 23 लाख रुपये तक की है.
हार्ले डेविडसन शोरूम के सेल्स मैनेजर अमित ने बताया कि हार्ले डेविडसन की फैट बॉय क्रूजर बाइक आती है, जिसमें जीपीएस, पीए सिस्टम, कम्युनिकेशन सिस्टम होता है. उन्होंने बताया कि यातायात निदेशक से बात हुई है और हमने डेमोंस्ट्रेशन भी दिया है. जल्द ही उत्तराखंड पुलिस के साथ हमारी यह बाइक देखेंगे. इसकी कीमत करीब 23 लाख रुपए से शुरू है.
सुपर बाइक्स खरीदने के पीछे ये दिया जा रहा तर्क
बदलते समय और क्राइम में हाईटेक बाइक यूज होने की वजह को बताकर इन हाइटेक बाइक को खरीदा जा रहा है. उत्तराखंड यातायात निदेशालय के निदेशक मुख्तार मोहसिन ने कहा कि हम भी सोचते हैं कि जिस तरीके से दूसरे देशों में ट्रैफिक पुलिस की जो क्षमता बढ़ी है, उसी तरीके से हमने पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 8 बाइक लाने का प्लान किया है. यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे और आगे बढ़ाएंगे.
उन्होंने कहा कि यह गाड़ियां काफी महंगी हैं लेकिन इसमें कंफर्ट भी ज्यादा है. साथ ही और भी सुविधा रहती है. उन्होंने कहा कि इनकी काफी स्पीड होती है और क्राइम के बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए हमें स्पीड भी चाहिए होती है.
भले ही पुलिस यह दावा कर रही है कि इन हाइटेक महंगी बाइकों से न सिर्फ ट्रैफिक को कंट्रोल किया जाएगा बल्कि क्राइम करने करने वालों पर भी अंकुश लगाया जाएगा. हालांकि बड़ा सवाल ये है कि हजारों करोड़ के कर्ज में डूबे इस छोटे से राज्य में क्या यह खर्च जायज है.
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