गुजरात चुनाव से कुछ महीने पहले हार्दिक पटेल ने पार्टी को एक बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस छोड़ दी है. इसे लेकर हार्दिक ने ट्वीट भी किया है कि आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी. मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा.यह पाटीदार नेता लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी सीएए, जीएसटी, अयोध्या और अनुच्छेद 370 (कश्मीर) जैसे प्रमुख मुद्दों को सुलझाने के रास्ते में रोड़ा बनी. कांग्रेस को लगभग हर राज्य में खारिज कर दिया गया. जब मैं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मिला तो वे गुजरात से संबंधित मुद्दों को सुनने से इतर अपने मोबाइल फोन और अन्य मुद्दों में बिजी थे. जब देश कठिन परिस्थितियों से घिरा था तो हमारे ये नेता विदेश में थे. ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व गुजरात को पूरी तरह से नापसंद करता है और राज्य में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है. कांग्रेस ने युवाओं का भरोसा तोड़ा है.
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि गुजरात में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यात्राओं के दौरान लोगों से जुड़ने के बजाय इस बात से फर्क पड़ता है कि राज्य में पार्टी के नेता आ रहे हैं तो उनकी चिकन सैंडविच का इंतजाम हो रहा या है नहीं.
वह पिछले कुछ हफ्तों से गुजरात कांग्रेस इकाई में अंदरूनी कलह के बारे में शिकायत कर रहे थे और उन्होंने पार्टी में अपनी स्थिति की तुलना ऐसे दूल्हे से की थी, जिसे नसबंदी के लिए मजबूर किया जा रहा है.