केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने वैश्विक बाजार में तेल खरीदने के अपने स्रोतों में विविधता ला दी है, इसलिए सरकार रूस के तेल निर्यात पर अमेरिका की किसी भी कार्रवाई को लेकर चिंतित नहीं है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध संघर्ष और मध्य-पूर्व में तनाव जैसे वैश्विक भू-राजनीतिक व्यवधानों (Global Geopolitical Disruptions) के बीच भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा की ज़रूरतों को देखते हुए सक्रिय रूप से कच्चे तेल के आयात स्रोतों को 27 देशों से बढ़ाकर 40 देशों तक कर दिया है. भारत मंडपम में आयोजित "ऊर्जा वार्ता 2025" में भाग लेते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, यह विविधीकरण ( Diversification) वैश्विक उथल-पुथल के दौरान बिना किसी बाधा के निर्बाध ऊर्जा प्रोडक्ट्स की सप्लाई को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है.
रूसी तेल आयात के विषय पर हरदीप पुरी ने कहा कि अभी प्रति दिन दुनियाभर से करीब 970 लाख बैरल तेल की सप्लाई ग्लोबल मार्किट में की जाती है. रूस दुनिया के शीर्ष तेल उत्पादकों में से एक बना हुआ है, जिसका उत्पादन प्रतिदिन 90 लाख बैरल से अधिक है.
पेट्रोलियम मंत्री का आकलन है कि अगर रूस से तेल उत्पाद की सप्लाई बड़े स्तर पर वैश्विक बाजार पहुंचने से अचानक रोक दिया जाता तो अराजकता पैदा हो जाती, जिससे कीमतें 130-200 डॉलर प्रति बैरल के बीच तक पहुंच जातीं.
पुरी ने कहा कि भारत ने कभी भी कोई प्रतिबंधित माल नहीं खरीदा है. रूसी तेल पर वैश्विक प्रतिबंध नहीं थे, बल्कि केवल एक मुल्य सीमा (Price Cap) थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला की जमीनी हकीकतों को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया था.
पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक- भारत ने पिछले एक दशक में एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर ₹4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है. इन निवेशों से राष्ट्रीय क्षमता (National Capacity) मज़बूत हुई है और राज्य स्तर पर भी इसका फायदा मिला है. सरकार की तैयारी अगले 10 वर्षों में ₹30-35 लाख करोड़ का निवेश करने की है. जाहिर है अगला एक दशक देश में एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा.
गौरतलब है कि 15 जुलाई को ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर यूक्रेन के साथ 50 दिनों के भीतर शांति समझौता नहीं हुआ तो वे रूस पर गंभीर व्यापार प्रतिबंध लगा देंगे. ट्रंप ने कहा कि रूसी निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ 100 प्रतिशत तक बढ़ा दिए जाएंगे साथ ही उन्होंने रूस से तेल खरीदने वाले भारत और चीन जैसे देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी.