Haldwani violence: उत्तराखंड के हलद्वानी शहर के बनफूलपुरा में हुई हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गयी वहीं कई अन्य घायल हो गए. पुलिस की टीम द्वारा अवैध मदरसे और नमाज वाली जगह को तोड़े जाने के बाद हिंसा भड़क गयी थी. हिंसा में उपद्रवियों द्वारा नगर निगम की चार जेसीबी मशीन सहित कई वाहन आग के हवाले कर दिए गए थे. घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव देखने को मिला था. मलिक की बगीचे और उसके आसपास के इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है. मलिक के बगीचे इलाके के आसपास के लोग पलायन कर रहे हैं. लोगों के घरों में ताले लगे हुए हैं. मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक को रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
उत्तराखंड ने केंद्र से अतिरिक्त केंद्रीय बलों की मांग की
भड़की हिंसा के मददेनजर हालात से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने और केंद्रीय बलों की मांग की है. अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100—100 जवानों वाली चार कंपनियों की मांग की गयी है जिससे हिंसा ग्रस्त बनभूलपुरा क्षेत्र में कानून—व्यवस्था को कायम रखा जा सके.उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में केंद्र को अनुरोध भेज दिया है.
दंगाइयों को पकड़ने के लिए सीसीटीवी की हो रही है जांच
नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद मीणा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसा के संबंध में अब तक तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मलिक को दिल्ली से गिरफतार किया गया और उसे हल्द्वानी लाया जा रहा है. इसके साथ ही, बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को हुई हिंसा के मामले में अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
मास्टर मांइड का वीडियो आया सामने
हल्द्वानी हिंसा का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक पर शिकंजा कसता जा रहा है. अब्दुल मलिक अभी तक फरार हैं. और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है. पुलिस ने अब्दुल मलिक के साथी समाजवादी पार्टी के नेता जावेद सिद्दिकी, अरशद अयूब और निगम का पूर्व पार्षद जीशान परवेज को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच अब्दुल मलिक का एक वीडियो भी सामने आया है. यह वीडियो जनवरी महीने के बताया जा रहा है.
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई थी कार्रवाई
नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हलद्वानी में 15-20 दिन से अलग-अलग जगहों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. दूसरी सरकारी जमीनों पर भी अवैध अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित की गई. सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के दिशा-निर्देश दिए गए थे और संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग की जा रही थी. पुलिस ने किसी को भी किसी तरह का नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की थी. भीड़ की तरफ से प्रशासन पर हमले हुए थे.
हिंसा करने वालों पर लगाया जाएगा रासुका
घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन और पुलिस की टीम पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया.उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल भी जाना। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा और जिन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया है और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कुमार ने कहा था कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने तथा आगजनी एवं तोड़फोड़ में शामिल पाए जाने वाले तत्वों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करना है.
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