उत्तराखंड के हल्द्वानी में तीन दिन पहले हिंसा (Haldwani Violence) भड़काने के मामले में 30 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. घटना में शामिल उपद्रवियों और अराजक तत्वों के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही दंगा प्रभावित क्षेत्र बनभूलपुरा के अंतर्गत 120 शस्त्र लाइसेंस को भी कैंसिल कर दिया गया है.
नैनीताल के डीएम के निर्देश पर क्षेत्र में 120 शस्त्र लाइसेंस को कैंसिल किया गया है. इसके साथ ही कई अन्य शस्त्र लाइसेंस की भी जांच की जा रही है. इतना ही नहीं बनभूलपुरा में भड़की हिंसा के बाद से लगाया गया कर्फ्यू अभी भी बरकरार है. कथित तौर पर मामला उस समय भड़का जब अवैध मदरसा और नमाज स्थक के निर्माणकार्य को रोका गया और इसका ध्वस्तीकरण किया गया. हल्द्वानी में हुई इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं.
बनभूलपुरा में स्थित 'मलिक का बगीचा' में अवैध मदरसा और नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान प्रशासनिक हमले पर स्थानीय लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया था. इस दौरान भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने छतों से पथराव किया, पेट्रोल बम फेंक कर वाहनों में आग लगाई और बनभूलपुरा पुलिस थाने को फूंक दिया था. बिगड़ते हालात को संभालने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें छह दंगाइयों की मौत हो गयी थी .
सरकार ने केंद्रीय बलों की मांग की
बनभूलपुरा इलाके को छोड़कर हल्द्वानी के सभी हिस्सों से कर्फ्यू हटा दिया गया है. इतना ही नहीं प्रशासन ने नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देश पर बनभूलपुरा में भी जरूरी सेवाओं को बहाल कर दिया. बनभूलपुरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन को शुरू कर दिया गया है और साथ ही दवा की दुकानें खोलने की भी इजाजत दे दी गई है.
वहीं हल्द्वीन में हिंसा के कारण उत्पन्न हुए हालात से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने और केंद्रीय बलों की मांग की है. अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100-100 जवानों वाली चार कंपनियों की मांग की गई है ताकि बनभूलपुरा में कानून-व्यवस्था को कायम रखा जा सके. पहले से ही इलाके में 1000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं.
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