ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद सुर्खियों में, जाने कौन हैं केस दाखिल करने वाली 5 महिलाएं

वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी (Gyanvyapi) मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद में इन पांच महिलाओं ने याचिका दायर करके श्रृंगार गौरी के अंदर पूजा करने की मांग की थी.

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याचिका में शामिल सभी महिलाओं का कहना है कि उनकी मुलाकात दर्शन पूजन के दरमियान हुई थी. 
वाराणसी:

वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvyapi Masjid) और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद में (Shringar Gauri Temple) पांच महिलाओं ने याचिका दायर करके श्रृंगार गौरी के अंदर पूजा करने की मांग की थी. इन महिलाओं द्वारा दायर की गई याचिका में अदालत से मांग की गई है कि माँ श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन के लिये हर रोज रास्ता खोला जाये. बता दें, ये रास्ता साल में एक बार सिर्फ चैत्र नवरात्रि के चतुर्थी के दिन खुलता है. इसके साथ ही मस्जिद में हिन्दू देवी देवता के दूसरे विग्रह भी हैं उनके दर्शन पूजन की अनुमति भी दी जाये. इन महिलाओं ने वहां मौजूद देवी देवताओं की जानकारी उपलब्ध करने के लिये जांच करने की भी मांग की.

इसी आधार पर ही ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे का काम हो रहा है. लेकिन बड़ा सवाल ये हैं कि ये पांच महिलाये कौन हैं, कहाँ कि रहने वाली है.  एनडीटीवी को मिली जानकारी के अनुसार याचिका राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार पर दायर है. इसमें जो पांच महिलये हैं उनमे राखी सिंह के अलावा लक्ष्मी देवी सीता साहू मंजू व्यास और रेखा पाठक हैं. राखी सिंह बनारस की रहने वाली नहीं है ये दिल्ली की हौज़ ख़ास की रहने वाली हैं और वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह बिसेन से जुडी हुई है.  राखी सिंह के पति का नाम इंद्रजीत सिंह हैं और लखनऊ के हुसैनगंज का भी एक स्थानीय पता है. बनारस की याचिका कर्ता बाकी महिलाओं से इनका संपर्क कम ही है .  

याचिकाकर्ता में दूसरे नंबर पर लक्ष्मी देवी हैं. लक्ष्मी देवी के पति डाक्टर सोहन लाल आर्य है जो बनारस के महमूरगंज निवासी हैंऔर सोहन लाल आर्य श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में इससे पहले 1996 में एक याचिका दायर की थी. उस मामले में भी एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त हुवे थे और जांच का आदेश हुवा था लेकिन भारी विरोध की वजह से वो निरिक्षण नहीं हो पाया था .  बाद में वो मामला ठंडा पड गया अब एक बार फिर डाक्टर सोहन लाल सक्रीय हुवे हैं. अपनी पत्नी की याचिका के माध्यम से. तीसरे नंबर पर वादी सीता साहू हैं.  सीता साहू बनारस के चेतगंज के उस इलाके में रहती है जहां साहित्यकार जय शंकर प्रसाद का घर हैं उनके पति गोपाल साहू बिजनेस करते हैं.  

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सीता साहू पूछने पर बताती हैं कि वो साल में एक बार चैत्र नवरात्रि के चतुर्थी को सिर्फ माँ श्रृंगार गौरी के दर्शन करने जाती थी तो मन में एक कशक रहती थी कि पूरे साल , हर दिन इनके दर्शन नहीं मिल पाता  है .  लिहाजा वैदिक सनातन संघ के लोग मिले , चर्चा किये उसके बाद वकील से मिले वहीँ से राखी सिंह को भी जाना फिर और जो महिलाये हैं उनके साथ मिल कर ये याचिका दायर किया.  

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 बनारस के ही राम घाट मोहल्ले की रहने वाली मंजू व्यास इस याचिका में चौथी महिला हैं. उनके पति विक्रम व्यास हैं जो बिजनेस करते थे. मंजू व्यास बताती हैं कि वो समाज सेविका हैं और श्रृंगार गौरी दर्शन की हर दिन पूजा पाठ करने की लालसा बचपन से रही है. एक इन दिन 'विश्व वैदिक सनातन संघ' के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह बिसेन से मुलाक़ात हुई.  उनके भी मन में इसी तरह की बात थी लिहाजा इस याचिका में वो भी शामिल हो गई. इस याचिका की पांचवीं महिला रेखा पाठक हैं.  रेखा पाठक बनारस के हनुमान फाटक की रहने वाली हैं बाकी महिलाओं की तरह वो भी दर्शन पूजन के दरमियान भी बाकी महिलाओं से मिली और इस याचिका में शामिल हो गई.  

याचिका में शामिल सभी महिलाओं का एक ही कहना है कि उनकी मुलाकात दर्शन पूजन के दरमियान हुई . फिर दोस्ती हो गई और उसके बाद याचिका दायर किया और अब हम लोग इसे अंतिम दिन तक लड़ेंगे . 

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