ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Masjid) मामले वाराणसी कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल की गई है. नई याचिका तीन महिलाओं सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक ने दाखिल की है. (ये वही हैं जिन्होंने सिंगार गौरी को लेकर याचिका दायर की थी). इस याचिका में मांग की गई है कि मस्ज़िद की पूर्वी दीवार को तोड़ा जाए जो नंदी के सामने है. मलबा हटाकर कल मिले शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई की नाप जोख कराई जाए. इस पूरी प्रक्रिया के लिए कोर्ट एक बार फिर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करे.
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिदमें तीन दिनों तक सर्वे करने वाले पैनल में शामिल रहे एडवोकेट कमिश्नर ने कहा है कि आज कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल नहीं करेंगे. NDTV से खास बातचीत में एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह (Ajay Pratap Singh) ने कहा कि हम लोग अलग-अलग रिपोर्ट दाख़िल नहीं करेंगे बल्कि तीनों लोग मिलकर एक रिपोर्ट दाखिल करेंगे. इसके लिए कोर्ट से सोमवार तक समय मांग सकते हैं.
सोमवार (16 मई) को ज्ञानवापी मस्जिद में तीसरे और आखिरी दिन हुए सर्वे में हिन्दू पक्ष द्वारा दावा किया गया है कि मस्जिद परिसर के अंदर कुएं से शिवलिंग मिला है. इस पर निचली अदालत ने जिला प्रशासन को उस स्थान को सील करने का निर्देश दिया है जहां 'शिवलिंग' मिलने का दावा किया गया है. उधर, भारत में मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के बाद अदालत के आदेश पर मस्जिद का वजू खाना बंद कराए जाने को नाइंसाफी करार देते हुए कहा कि यह पूरा घटनाक्रम सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की एक साजिश से ज्यादा कुछ नहीं है.