ज्ञानवापी केस : जिला कोर्ट ने मंदिर पक्ष को तहखाने में दिया पूजा का अधिकार

अदालत ने आदेश दिया कि, रिसीवर जिला अधिकारी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट आदि मिलकर पुजारी नियुक्त करके पूजा प्रारंभ करें

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नई दिल्ली:

अदालत ने हिंदू याचिकाकर्ताओं को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में पहले सील किए गए तहखाने में पूजा करने की अनुमति दे दी है. वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को दोपहर में यह फैसला सुनाया. अपने आदेश में अदालत ने कहा कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना की जा सकती है. 

अदालत ने कहा कि, मस्जिद के तहखाने में प्रवेश पर रोक के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने तहखाने को एएसआई के सर्वेक्षण के दौरान सील करने का आदेश दिया था.

ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने एएनआई से कहा कि, ''1993 में वहां पूजा-पाठ होती थी. मुलायम सिंह की तत्कालीन सरकार ने बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के उसको लोहे की पट्टिका से घिरवाकर वहां पूजा बंद करा दी थी.  इसमें एक मुकदमा दायर किया गया उसमें दो रिलीफ मांगे गए. पहला रिलीफ मांगा गया कि व्यासजी के तहखाने के दरवाजे खिड़की टूटे हैं, जर्जर हैं और उस पर बलात कब्जा रोका जाए. जिला अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए.'' 

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उन्होंने कहा कि, ''कोर्ट ने 17 जनवरी 2024 को आदेश कर दिया और 24 जनवरी को जिलाधिकारी ने उसको अपने कब्जे में ले लिया. उन्होंने कहा कि हमने दूसरी प्रार्थना पर बल दिया. 30 जनवरी को हमने कहा कि पूजा-पाठ प्रारंभ करा दी जाए. प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया गया.'' 

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उन्होंने कहा कि, ''आज अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया कि, रिसीवर जिला अधिकारी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट आदि मिलकर पुजारी नियुक्त करके पूजा प्रारंभ करें. अब सात दिन के अंदर लोहे की पट्टिका हटाकर पूजन प्रारंभ कराएंगे. यह बहुत बड़ी सफलता मानकर चलिए. यह न्याय की जीत है, सत्य की जीत है.''  

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