जय श्री राम के नारों से गूंजा ग्वालियर: सीएसपी हिना खान और एडवोकेट अनिल मिश्रा आमने-सामने, जानिए पूरा मामला

ग्वालियर के फूलबाग इलाके में सीएसपी हिना खान और एडवोकेट अनिल मिश्रा के बीच प्रशासनिक आदेश को लेकर हुआ विवाद “जय श्री राम” के नारों की टकराहट में बदल गया. शहर में पहले से लागू निषेधाज्ञा और आंबेडकर प्रतिमा विवाद के बीच माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ है.

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  • ग्वालियर के फूलबाग इलाके में CSP हिना खान और अधिवक्ता अनिल मिश्रा के बीच जमकर नोकझोंक
  • विवाद तब बढ़ा जब मिश्रा ने धार्मिक आयोजन रोकने पर सीएसपी पर सनातन धर्म के खिलाफ होने का आरोप लगाया
  • दोनों पक्षों ने सार्वजनिक रूप से "जय श्री राम" के नारे लगाए, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया
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ग्वालियर:

“जय श्री राम, जय श्री राम…”  ग्वालियर के फूलबाग इलाके में यह नारा जोर से गूंज उठा, जब सीएसपी हिना खान और अधिवक्ता अनिल मिश्रा के बीच आमना-सामना हो गया.जो मामला प्रशासनिक आदेशों के पालन को लेकर शुरू हुआ था, वह देखते ही देखते नारेबाज़ी और धार्मिक नारों की टकराहट में बदल गया.चौंकाने वाली बात यह रही कि दोनों पक्ष एक ओर अधिवक्ता मिश्रा और दूसरी ओर पुलिस अधिकारी हिना खान आमने-सामने खड़े होकर “जय श्री राम” के नारे लगाने लगे.

ग्वालियर में पहले से ही माहौल तनावपूर्ण है.मध्यप्रदेश हाईकोर्ट परिसर में बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है.इस बीच सोमवार की शाम धारा 163 (भारतीय न्याय संहिता) के तहत निषेधाज्ञा लागू होने और 4,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती के बीच यह टकराव हुआ.

अनिल मिश्रा को सीएसपी ने रोका

बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ फूलबाग पहुंचे थे, जहां वे सुंदरकांड का पाठ करने वाले थे.सीएसपी हिना खान ने उन्हें रोक दिया और कहा कि शहर में धारा 163 लागू है, किसी भी प्रकार की सभा या आयोजन की अनुमति नहीं है.इस पर नाराज़ होकर मिश्रा ने कहा, “आप सनातन धर्म के खिलाफ हैं.” इसके बाद उन्होंने “जय श्री राम” के नारे लगाने शुरू कर दिए.

सबको हैरान करते हुए हिना खान भी आगे बढ़ीं, मिश्रा की आंखों में आंख डालकर उन्होंने भी चार बार “जय श्री राम” के नारे लगाए और कहा “और क्या?”.इसके बाद भीड़ में मौजूद मिश्रा समर्थक भी ज़ोर से नारे लगाने लगे.

अनिल मिश्रा ने धर्म के अपमान का लगाया था आरोप

ये बात कुछ ही देर में शहर भर में चर्चा का विषय बन गई.सूत्रों के मुताबिक, यह विवाद तब शुरू हुआ जब मिश्रा ने आरोप लगाया कि सीएसपी हिना खान ने उनके समूह को दो बार रोका, उन्होंने कहा,आपने हमारे धर्म का अपमान किया है.जिस पर हिना खान ने शांत स्वर में जवाब दिया, “यह धर्म का नहीं, प्रशासन का आदेश है.” ग्वालियर में  बाबासाहेब की प्रतिमा को लेकर उठे विवाद को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर है.शहर में कर्फ्यू जैसे हालात हैं.धारा 163 के तहत सभा-जुलूस पर प्रतिबंध जारी है.

वीडियो वायरल होने के बाद शुरू हुआ था विवाद

यह विवाद तब भड़का जब हाईकोर्ट के वकील अनिल मिश्रा का एक विवादित वीडियो वायरल हुआ, बाबासाहेब के कथित अपमान को लेकर मिश्रा के खिलाफ ग्वालियर और महाराष्ट्र में एफआईआर दर्ज की गई.  हालांकि, भीम आर्मी, आज़ाद समाज पार्टी और ओबीसी महासभा जैसे कई संगठनों ने प्रशासन से बातचीत के बाद 15 अक्टूबर का अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है.

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कलेक्टर रुचिका चौहान और आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया कि 260 से ज़्यादा भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट हटाई गई हैं, और 700 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी संवेदनशील इलाकों में तैनात किए गए हैं.एसएसपी धर्मवीर सिंह ने रातभर फ्लैग मार्च निकाला ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे.  सीएसपी हिना खान, जो अब इस टकराव के बाद चर्चा में हैं, शहर के उन अधिकारियों में शामिल हैं जो निषेधाज्ञा के पालन और कानून-व्यवस्था की निगरानी में लगे हैं.  फूलबाग, लश्कर और हजीरा इलाकों में सीसीटीवी निगरानी, बैरिकेडिंग और पुलिस गश्त लगातार जारी है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके. 

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