मुख्यमंत्री उड़न दस्ते और गुरुग्राम पुलिस के एक संयुक्त दल ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. इस फर्जी कॉल सेंटर पर तकनीकी सहयोग देने की आड़ में अमेरिका और कनाडा के नागरिकों से ठगी करने का आरोप है. पुलिस ने शनिवार को बताया कि कॉल सेंटर के 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया और छापे के दौरान कई मोबाइल फोन, एक कम्प्यूटर और 2.5 लाख रुपये बरामद किए गए हैं. आरोपियों ने तकनीकी सहयोग देने के जरिए प्रत्येक विदेशी नागरिक से 500 से 1000 डॉलर की ठगी की.
गुरुग्राम: नियमों का उल्लंघन करने पर 17 डेव्लपर्स को कारण बताओ नोटिस, एक सप्ताह के भीतर मांगा जवाब
पुलिस ने बताया कि डीएलएफ फेज-2 पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के डीएसपी इंदरजीत यादव ने बताया कि एक खुफिया सूचना मिली थी कि डीएलएफ फेज-2 के एम ब्लॉक में एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है, जिसके आधार पर छापा मारा गया. उन्होंने बताया कि छापे के दौरान सभी अंग्रेजी में बातचीत करते हुए अपने कम्प्यूटर पर काम करते हुए पाए गए. मुख्य आरोपी की पहचान रेवाड़ी जिले के कोसली निवासी उमेश के रूप में की गयी है. वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है.
गुरुग्राम के अस्पताल में बम होने की फर्जी खबर से सनसनी, पुलिस ने FIR दर्ज की
डीएसपी ने बताया कि ठगों ने खुद को कनाडा सीमा सेवा एजेंसी के अधिकारी बताकर मादक पदार्थ तस्करी और धन शोधन के आरोपों की धमकी देकर भी लोगों से पैसा वसूला. उन्होंने बताया कि यह कॉल सेंटर छह महीने से चल रहा था. एसीपी (अपराध) प्रीत पाल सिंह सांगवान ने कहा, ‘‘आरोपी दिल्ली के एक कॉल सेंटर में सुपरवाइजर के तौर पर काम करते थे. बाद में जल्दी पैसा बनाने के लिए उन्होंने विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी शुरू कर दी और फर्जी कॉल सेंटर के जरिए उनसे वसूली करने लगे.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)