गुजरात उच्च न्यायालय ने पिछले महीने रामनवमी के दिन साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर शहर में हुई सांप्रदायिक झड़प के एक आरोपी की नियमित जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. आरोपी प्रकाश पांड्या 10 अप्रैल को त्योहार मनाने के लिए निकाले गए जुलूस का हिस्सा था और उसे कथित तौर पर एक सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज में तलवार लहराते देखा गया था. जुलूस पर हमला किया गया, जिससे सांप्रदायिक झड़प हो गई, जिसके बाद दंगा करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
न्यायमूर्ति समीर दवे ने पांड्या की जमानत याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार किये जाने के चरण में ही खारिज कर दी और आरोप पत्र दायर होने के बाद याचिकाकर्ता को अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया, ‘‘मेरे (मुवक्किल के) हाथ में तलवार थी. यह सीसीटीवी फुटेज से देखा जा सकता है.''वकील ने अपने मुवक्किल का बचाव करते हुए कहा, ‘‘रामनवमी और गुरु नानक जयंती जैसे अवसरों पर लोग इन हथियारों (तलवारों) को शोभायात्रा (जुलूस) में अपने साथ ले जाते हैं.''
उन्होंने दावा किया कि रामनवमी की शोभायात्रा पुलिस की अनुमति से निकाली गयी थी, लेकिन राज्य के अधिकारी इस आयोजन को सुरक्षा मुहैया कराने में सक्षम नहीं थे.हिम्मतनगर में झड़प के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
हिम्मतनगर के अलावा, आणंद जिले के खंभात शहर में भी रामनवमी पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई वाहन और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई थीं.
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