गुजरात के वाघोड़िया क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर पिछली बार जीतने वाले और छह बार के विधायक मधुभाई श्रीवास्तव को इस बार बीजेपी की तरफ से टिकट नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने दावा किया कि वे भारी मतों के साथ चुनाव जीत रहे हैं. जीतने के बाद किसे सपोर्ट करना है, यह उनके कार्यकर्ता तय करेंगे.
गुजरात का बड़ौदा एक सांस्कृतिक केंद्र, एजुकेशन हब की तरह जाना जाता है. गुजरात चुनाव में अब य बागियों के एक गढ़ के रूप में भी जाना जा रहा है. छह बार विधायक रह चुके मधुभाई श्रीवास्तव का इस बार बीजेपी ने टिकट काट दिया. वे अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वे फिल्म निर्माता भी हैं और उन्हें एक विवादित व्यक्तित्व के रूप में भी देखा जाता है.
मधुभाई से यह पूछने पर कि बागी होकर कुछ कर पाएंगे, या बीजेपी की विश्लेषण सही है? उन्होंने कहा कि, ''मैं बागी नहीं बना, मेरे को बुलाया गया था. मैं 1995 में निर्दलीय चुनाव जीता था. मैं सबसे अधिक वोट से जीता था. उसके बाद बीजेपी ने मुझे बुलाया था और उसने मुझे पांच दफा टिकट दिया. मैं पांच बार एक ही विधानसभा क्षेत्र से जीता हूं. उन्होंने कहा कि आठ तारीख को चुनाव परिणाम आएंगे, देख लेना, 1995 में मुझे जितने वोट मिले थे, इस बार उससे भी ज्यादा वोट मिलेंगे.''
क्या आपको बीजेपी की जरूरत नहीं थी? पहले निर्दलीय जीते थे और आगे भी जीतेंगे? सवाल पर मधुभाई ने कहा कि, ''निर्दलीय चुनाव जीतकर मैंने बीजेपी को सपोर्ट किया था. जब बीजेपी का वाघोड़िया के अंदर जन्म नहीं हुआ था तब मैं चुनाव जीतकर बीजेपी को लाया. बड़ौदा शहर में बीजेपी की सीट नहीं थी, मैं जीता था.''
इस बार बीजेपी ने कई विधायकों के टिकट काट दिए. उनका विश्लेषण है कि जो उनके हिसाब से जीतने लायक नहीं हैं, उनको हटा दिया जाए. ऐसे में आप अपने आप को कहां देखते हैं? सवाल पर उन्होंने कहा कि, ''मेरे विधानसभा क्षेत्र में दो इंडस्ट्रियल एरिया हैं. सभी एरिया में कोई मालिक, कोई मैनेजर.. मेरे 25 साल के इतिहास में कोई कह दे कि मेरी कंपनी में आया और किसी फंड के लिए हाथ फैलाया, पैसा लिया.. तो जीवन भर का राजकाज छोड़ दूंगा, यह मेरा चैलेंज है. मैंने 25 साल में लोगों के दुख सुख में भागीदार बनकर काम किया.''
आप ऐसी-ऐसी बात बोल देते हैं कि पार्टी को असहज स्थिति में डाल देते हैं? आपने बोल दिया कि जो समर्थन नहीं करेगा उसको गोली मार देनी चाहिए? इस प्रश्न पर मधुभाई ने कहा कि, ''देखो गोली तो किसको मारना है, मेरे क्षेत्र के कार्यकर्ता की कोई कॉलर पकड़ेगा तो मैं अवश्य गोली चलाऊंगा.''
विपक्ष कहेगा कि ये कैसे विधायक हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं और कानून अपने हाथ में लेना चाह रहे हैं? सवाल पर उन्होंने कहा, ''हमारे हिंदुस्तान के फौजी खड़े हैं और पाकिस्तान आकर बम फोड़कर चला जाएगा तो क्या हम चुप बैठे रहेंगे? उसको हम पाकिस्तान में जाकर भून देंगे. उसी तरह है, मेरे मतदान क्षेत्र में कोई मेरे कार्यकर्ता के सामने आवाज करेगा तो फिर हम भी उसके घर जाकर गोली चलाएंगे.''
यदि चुनाव जीत जाते हैं, तो क्या अपने आपको बीजेपी का हिस्सा मानेंगे या अलग रहेंगे? मधुभाई ने इस सवाल पर कहा कि, ''देखो चुनाव मैं जीत रहा हूं, और बहुमत से जीतने वाला हूं. किसको सपोर्ट करना, यह तो मेरे कार्यकर्ता और मेरी कमेटी कहेगी. झाड़ू वाले को सपोर्ट करना है, या कांग्रेस को सपोर्ट करना है या फिर भाजपा को सपोर्ट करना है. तीनों ऑप्शन खुले हैं. मेरे कार्यकर्ता जो कहेंगे, वही करना है. उनकी बदौलत तो मैं चुनाव जीतता हूं.''