प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बुधवार को पंजाब के कई क्षेत्रों में छापेमारी की गई है. जानकारी के मुताबिक ईडी द्वारा ये छापेमारी अमरूद बाग घोटाला मामले में की गई है. इस मामले में विजिलेंस विभाग ने पहले मामला दर्ज किया था और करीब 21 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. यह मामला ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहित जमीन पर लगे अमरूद के बागों के मुआवजे की आड़ में करीब 135 करोड़ रुपये के गबन से जुड़ा है.
सूत्रों के मुताबिक ईडी द्वारा पंजाब के एक्साइज कमिश्नर के घर पर छापेमारी की गई है क्योंकि जिस वक्त ये घोटाला हुआ उस वक्त वो विभाग के चीफ अधिकारी थे. बता दें कि ईडी द्वारा पंजाब के 6 से 8 जिलों में करीब 26 लोकेशन पर यह रेड अभी भी जारी है. इसमें कुछ IAS अधिकारी उनकी पत्नियां और कुछ PCS अधिकारी भी शामिल हैं. पंजाब के चंडीगढ़ के साथ-साथ भटिंडा, पटियाला, खरड़, बरनाला, मोहाली और फिरोजपुर में भी ईडी की रेड जारी है.
क्या है अमरूद बाग घोटाला मामला
वीबी ने 2023 में बाकरपुर गांव और मोहाली जिले के कुछ गांवों में कृषि भूमि का अधिग्रहण करके एयरोट्रोपोलिस शहर के विकास के लिए अधिग्रहित भूमि पर स्थित अमरूद के बागों के मुआवजे की आड़ में जारी किए गए लगभग 137 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान पता चला कि कुछ लाभार्थी / जमीनों के मालिक जिन्होंने मुआवजे का दावा किया था, पहले से ही ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण से संबंधित अधिकारियों को जानते थे और उन्हें पता था कि किन गांव में भूमि अधिग्रहण किया जाना है. मामले में आरोपियों ने अमरूद के पेड़ों का मूल्य निर्धारण बढ़ाने के लिए पौधों की उम्र 4 या 4 साल से अधिक बताई थी ताकि उन्हें फल देने वाले पेड़ के रूप में आंका जा सके.