UNSC में भारत की स्थायी सीट के लिए बढ़ रहा समर्थन, पीयूष गोयल वीडियो पोस्‍ट कर बोले - यह भारत की ताकत

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भारत की स्‍थायी सीट की दावेदारी को दुनिया के कई देशों का समर्थन मिल रहा है. इसे लेकर केंद्रीय मत्री पीयूष गोयल ने एक वीडियो पोस्‍ट किया है.

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नई दिल्‍ली :

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भारत की स्‍थायी सीट की दावेदारी को लेकर समर्थन लगातार बढ़ रहा है. ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका जैसे संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के स्‍थायी देश भी यह मानते हैं कि भारत को इसमें होना चाहिए. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने एक्‍स पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें विभिन्‍न देशों के नेता भारत की दावेदारी का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. इसके जरिए गोयल ने बताया है कि यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए चर्चा जोरों पर है. 

पीयूष गोयल ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में यह भारत की ताकत है." 

इस वीडियो में फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्‍टार्मर, पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो और चिली के राष्‍ट्रपति गेब्रियल बोरिक भारत का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. 

स्‍टाॅर्मर ने किया भारत का समर्थन 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने गुरुवार को भारत की दावेदारी का समर्थन किया है. स्टॉर्मर से पहले अमेरिका और फ्रांस के नेताओं ने यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में बृहस्पतिवार को अपने संबोधन के दौरान, स्टॉर्मर ने वैश्विक बहुपक्षीय प्रणाली को ‘‘अधिक उत्तरदायी'' बनाने के लिए सुनिश्चित सुधारों का आह्वान किया. 

उन्होंने कहा कि यूएनएससी में भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी को स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निर्वाचित सदस्यों के लिए और अधिक सीटें बढ़ानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह ऐसा निकाय हो जो कार्रवाई करने के लिए तैयार रहे, न कि ‘‘राजनीति की वजह से पंगु बना हो''. 

जुलाई के आम चुनावों के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में यूएनजीए में अपना पहला संबोधन देते हुए लेबर पार्टी के नेता ने ब्रिटेन के दृष्टिकोण में बदलाव की भी रूपरेखा तैयार की. 

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फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों भी समर्थन में

इससे पहले, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र को अधिक कुशल और प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने के लिए यूएनएससी में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था. 

उन्होंने कहा था, ‘‘फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है. जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो देश जिनका प्रतिनिधित्व अफ्रीका तय करेगा.''

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स्‍थायी सदस्‍य के पास वीटो करने की शक्ति 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी यूएनएससी के इस तरह के विस्तार के पक्ष में बयान दिया था. पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं, जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के किसी भी ठोस प्रस्ताव को ‘वीटो' करने की शक्ति है.

भारत सुरक्षा परिषद में लंबे समय से लंबित सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रयासों में सबसे आगे रहा है और इस बात पर जोर दिया है कि वह स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र निकाय में जगह पाने का सही हकदार है. 

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