2001 में भारत के संसद पर हमले के मास्टरमाइंड आतंकी गाजी बाबा के खात्मे की कहानी ग्राउंड जीरो फिल्म के रूप में अब सिनेमाई पर्दे पर भी मौजूद है. इस फिल्म में बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी ने BSF अधिकारी नरेंद्र नाथ दुबे के किरदार को निभाया है. ग्राउंड जीरो नामक इस फिल्म में भारतीय सुरक्षा बलों के उस मिशन को सामने लाया गया है जो अभी तक लोगों की जानकारी से ओझल थी. सोमवार को ग्राउंड जीरो फिल्म के रील और रियल हीरो एनडीटीवी पर मौजूद रहे. इस दौरान दोनों फिल्म के साथ-साथ पहलगाम आतंकी हमले पर भी बात की.
दो साल के लंबे मिशन के बाद ढेर हुआ था गाजी बाबा
इमरान हाशमी ‘ग्राउंड जीरो' के जरिए कश्मीर में आतंक के खिलाफ बीएसएफ का सबसे बड़े मिशन को पर्दे पर लाये हैं. दो साल के लंबे मिशन के बाद बीएसएफ ने नरेंद्र नाथ धर दुबे की अगुवाई में जैश ए मौहम्मद संगठन के कमांडर गाजी बाबा को ढेर किया था.
निर्दोषों की किलिंग की सबसे बड़ी घटना, मुझे बहुत दुखः नरेंद्र नाथ दुबे
बातचीत की शुरुआत में नरेंद्र नाथ दुबे ने पहलगाम हमले को लेकर कहा कि पहलगाम में बेगुनाह पर्यटकों की हत्या हुई है, उससे बड़ा दुख है. निर्दोषों की किलिंग की यह सबसे बड़ी घटना है. मैं खुद ऐसी स्थितियों को पहले देख चुका हूं. हमारी सेना लगी है.
'पहले मुझे इस एनकाउंटर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी'
जब यह रोल ऑफर हुआ तो आपके मन में क्या ख्याल आया इस सवाल के जवाब में इमरान हाशमी ने कहा कि मुझे इस केस के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था. मुझे गाजी बाबा के एनकाउंटर के बारे में पता था. लेकिन बीएसएफ के जवानों ने मिस्टर दुबे ने जैसे उसका एनकाउंटर किया था, इसकी मुझे जानकारी नहीं थी.
इस फिल्म का ऑफर मिलते मैं बहुत उत्साहित हुआः इमरान
जब मुझे यह ऑफर हुआ तो बहुत अच्छा लगा. मैं बहुत उत्साहित था. एक एक्टर के लिए ऐसी फिल्में बहुत बड़ी बात होती है. इसमें देशभक्ति है, प्रेरक कहानी है. इसमें BSF के जवानों ने जिस तरह से आतंकियों का मुंहतोड़ जवाब दिया था, वह बड़ी बात है. इस फिल्म के जरिए लोगों के सामने BSF के उस मिशन को लाया गया है, जो अभी तक लोगों की जानकारी में नहीं थी. एक एक्टर के लिए हर एक चीज है इस फिल्म में.
फिल्म बहुत हद तक सच या सच के करीबः नरेंद्र नाथ
हकीकत पर कितनी उतर रही है यह फिल्म इसके जवाब में बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ दुबे ने बताया कि इसमें ज्यादातर स्टोरी सही है. ड्रामाट्रिक लिबट्री के साथ सिनेमा की जरूरत के हिसाब से कुछ बदलाव किए गए है. फिल्म बहुत हद तक सत्य है या सत्य के करीब है. फिल्म को देखते समय लगता है कि मैं फिर से वहीं पहुंच गया हूं.
4 साल से फिल्म के लिए रिसर्च कर रहे थे डायरेक्टरः इमरान
टीम वर्क से जुड़े सवाल पर इमरान हाशमी ने कहा कि फिल्म एक सामूहिक मेहनत का नतीजा होता है. इसमें हर डिपार्टमेंट का योगदान होता है. एक्सेल से फरहन और रितेश का कॉल आया तो मुझे लगा कि यह एक अच्छी फिल्म बनेगी. और जब मैं डायरेक्टर तेजस से मिला तो पता चला कि वो इस स्टोरी पर बीते 4 साल से काम कर रहे थे. फैक्ट चेकिंग पूरा सही था, जो उन्होंने किया. दुबे जी के साथ कांट्रैक्ट में रहना. बीएसएफ ने भी पूरा सर्पोट दिया, इसलिए यह फिल्म इसतरह से बन पाई.
'सरकार और सेना पर पूरा विश्वास', पहलगाम हमले के बदले पर बोले इमरान हाशमी
पहलगाम हमले पर इमरान हाशमी ने कहा कि इस हमले के बाद गुस्से और दुख का अहसास हम सब में है. इस समय हम सब एक साथ है. मेरा सरकार और सेना में पूरा विश्वास है. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी सरकार और सेना इस हमले का सही जवाब देगी और सही समय पर देगी. फिलहाल इसी सही समय का इंतजार है.