सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य इंटरनेट फर्मों के फैसलों को ओवरराइड करने की शक्ति रखने वाले एक शिकायत पैनल के गठन के सरकार के प्रस्ताव का उद्देश्य बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों से उत्पन्न होने वाली कमियों और गैप को दूर करना है. एक आधिकारिक बयान में सोमवार को ये बात कही गई है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन के लिए पुनः लोड किए गए मसौदा अधिसूचना के साथ संलग्न एक प्रेस नोट में कहा कि ये जून के मध्य में एक सार्वजनिक परामर्श आयोजित करेगा. आईटी नियम, 2021 में संशोधन के लिए मसौदा अधिसूचना पर सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए समय को 6 जून से 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया है.
1 जून के ड्राफ्ट नोटिस में 22 जून को सार्वजनिक टिप्पणियों की अंतिम तिथि के रूप में उल्लेख किया गया था. ड्राफ्ट को 2 जून को Meity द्वारा हटा दिया गया था. हालांकि इसे फिर से अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया.
Meity ने कहा कि उसने सभी भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और "डिजिटल नागरिकों" के लिए एक खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ, 25 फरवरी, 2021 को आईटी नियम, 2021 को अधिसूचित किया है.
नियमों के तहत, जिन सोशल मीडिया मंच के 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं, उनका एक शिकायत अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना आवश्यक है. इन कर्मियों को भारत का निवासी होना चाहिए.
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन के लिए जारी एक अधिसूचना के अनुसार, इस समिति को अपील मिलने के 30 दिन के भीतर शिकायत का निपटान करना होगा. यह निर्णय मध्यवर्तियों या संबंधित बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बाध्यकारी होगा.
नए नियमों के तहत शिकायत अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ संबंधित उपयोगकर्ता अपनी अपील दायर कर सकते है. इस अपील का 30 दिन के भीतर निपटान करना होगा.
इसके अलावा समिति एक वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करेगी. साथ ही शिकायतकर्ता के पास किसी भी समय शिकायत को लेकर न्यायालय के समक्ष जाने का अधिकार होगा.
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