उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ड्रग्स बनाने की अवैध फैक्टरी पकड़ी गई है. दरअसल, ये फैक्टरी कपड़े की थी, जहां अवैध रूप से ड्रग्स बनाया जा रहा था. ये पूरा काला कारोबार एक सोसायटी में चल रहा था. यहीं से कपड़े के बंडल में छिपाकर नेपाल, मुंबई, बांग्लादेश और पूर्वोत्तर के राज्यों तक ड्रग्स भेजा जाता था. इस मामले में तीन विदेशी नागरिकों की गिरफ़्तारी हुई है. आपको बता दें कि बीते 15 दिनों में ग्रेटर नोएडा में करीब 50 किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई है. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत 500 करोड़ रुपये के क़रीब बताई जा रही है..
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने बताया कि 16 मई को ग्रेटर नोएडा में छापेमारी कर पुलिस ने एमडीएमए ड्रग्स बनाने वाले एक गिरोह के नौ लोगों अनुदुम, अजोकु उबाक, डॉमियाल, ड्रामेमोड, लेवि, जैकब, कोफी, छिड़ी और अजोकु को गिरफ्तार किया था और उनके पास से लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किये थे. उन्होंने बताया कि बीटा-2 थाना पुलिस और कासना थाना पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की और इस दौरान एक आरोपी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्थित एक सोसाइटी के एक मकान में उनके अन्य साथी भी अवैध रूप से मादक पदार्थ बनाने के काम में लगे हुए हैं.
पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस सूचना के आधार पर एक टीम बनाकर बताए गए स्थान पर बुधवार को छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने वहां से सोलोमन, सीमोन और रेमी नामक तीन नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने वहां से 30 किलो 900 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स बरामद की. उन्होंने बताया कि इस मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 150 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को कुछ और सुराग मिले हैं और इनके आधार पर मादक पदार्थ बनाने के काम में शामिल और लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
(इनपुट्स भाषा से भी)