भ्रष्टाचार के प्रति 'ज़ीरो टॉलरेंस' : अमेजन रिश्वत मामले की जांच करेगी सरकार 

सरकारी अधिकारियों ने कहा, "अमेजन लीगल फीस के रूप में 8,500 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. यह सोचने का समय है कि यह कहां जा रहा है."

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

अमेजन (Amazon) के कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा भारत में अधिकारियों को रिश्वत (Amazon Bribe Case) देने के आरोपों की जांच होगी. भ्रष्टाचार के खिलाफ "ज़ीरो टॉलरेंस" की नीति पर जोर देते हुए सरकार ने मंगलवार को यह बात कही. कहा जा रहा है कि अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने रिश्वत के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. एक अमेरिकी वेबसाइट ने यह सूचना दी. अधिकारियों ने कहा कि जहां तक भारत सरकार का सवाल है, भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की नीति ज़ीरो टॉलरेंस की है अर्थात् सरकार करप्शन बर्दाश्त नहीं करेगी.  

अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि रिश्वत देने की घटना कब और किस राज्य में हुई. 

सरकारी अधिकारियों ने कहा, "अमेजन लीगल फीस के रूप में 8,500 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. यह सोचने का समय है कि यह कहां जा रहा है. ऐसा लगता है कि जैसी पूरी प्रणाली रिश्वत काम करती है और यह अच्छी कारोबारी गतिविधियां नहीं हैं." अधिकारी अमेजन पर जमकर बरसे और कानून तोड़ने वालों को दंडित करने का आग्रह किया.  

Advertisement

अधिकारियों ने अमेजन की कुछ कंपनियों के सार्वजनिक खातों का हवाला दिया, जिन्होंने दो साल में कानूनी शुल्क के रूप में खर्च लगभग  8,500 करोड़ रुपये दिखाया है.

Advertisement

‘द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट' की एक खबर के अनुसार, अमेजन ने भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के लिए अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच शुरू की है. खबरों के मुताबिक, इस संबंध में उसने अपने वरिष्ठ कॉरपोरेट वकील को छुट्टी पर भेज दिया है.

Advertisement

अमेजन के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हम भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते. हम अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं, उनकी पूरी जांच करते हैं, और उचित कार्रवाई करते हैं. हम इस समय विशिष्ट आरोपों या किसी भी जांच की स्थिति पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं."

Advertisement

इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियां ‘व्हिसलब्लोअर' की शिकायतों को गंभीरता से लेती हैं. खासकर वे जो कारोबार को बनाए रखने या हासिल करने के लिए विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत के भुगतान से संबंधित हैं. यह कॉरपोरेट प्रशासन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए भी है.

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब ई-कॉमर्स कंपनी कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं, विक्रेताओं के तरजीही व्यवहार आदि को लेकर निष्पक्ष व्यापार नियामक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच का सामना कर रही है. इसके अलावा अमेजन का फ्यूचर ग्रुप के साथ कानूनी विवाद भी चल रहा है.

अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. के बीच 24,713 करोड़ रुपये के प्रस्तावित सौदे को अदालत में चुनौती दी है और फ्यूचर ग्रुप को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (सिएआईसी) में घसीटा है. उसका कहना है कि फ्यूचर ने उसकी प्रतिद्वंदी कंपनी रिलायंस के साथ समझौता कर उसके साथ पूर्व में किए गए एक करार का उल्लंघन किया है.

Topics mentioned in this article