सरकार के स्पष्टीकरण के बाद भी ट्रम्प के 25% टैरिफ पर संसद में चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष!

पीयूष गोयल ने अमेरिका द्वारा 25% टैरिफ लगाने के फैसले पर लोक सभा में कहा, "सरकार हाल के घटनाक्रमों के प्रभावों की समीक्षा कर रही है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सभी हितधारकों से संवाद कर उनके आंकलन की जानकारी ले रहा है."

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को "डेड इकॉनमी" करार दिया था.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारत और अमेरिका ने मार्च 2025 में द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू की थी
  • दोनों देशों के बीच कई वर्चुअल और फिजिकल बैठकों के बाद टर्म्स ऑफ रेफरेन्स के अनुसार समझौते पर काम चल रहा है
  • अमेरिकी 25 प्रतिशत टैरिफ पर सरकार समीक्षा कर रही है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

"भारत और अमेरिका ने मार्च 2025 से एक संतुलित, न्यायपूर्ण और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट - BTA) के लिए बातचीत शुरू की जिसका लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना था. दोनों पक्षों के बीच चौर दौर की फिजिकल मीटिंग हुई है ताकि टर्म्स ऑफ़ रिफरेन्स के अनुसार व्यापार समझौते के अंतिम रूप के लिए काम किया जा सके", अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ पर संसद में दिए अपने बयान में वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने ये बात कही.

अगले कुछ हफ़्तों में अमेरिकी अधिकारियों का एक डेलीगेशन पांचवे दौर की बातचीत के लिए भारत आ रहा है. भारत और अमेरिका के बीच एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत मार्च 2025 में शुरू हुई थी. इसका लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है. दोनों पक्षों के बीच कई वर्चुअल बैठकें हो चुकी हैं.

पीयूष गोयल ने अमेरिका द्वारा 25%व् टैरिफ लगाने के फैसले पर लोक सभा में कहा, "सरकार हाल के घटनाक्रमों के प्रभावों की समीक्षा कर रही है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सभी हितधारकों से संवाद कर उनके आंकलन की जानकारी ले रहा है"। 

भारत और अमेरिका के बीच "मिनी" ट्रेड डील को लेकर कारगर समझौता नहीं हो सका. इसकी एक बड़ी वजह कृषि और डेरी उत्पादों पर ड्यूटी घटने की अमेरिका की मांग रही जिसे भारत ने स्वीकार नहीं किया. भारत स्पष्ट कर चुका है की वो GM Foods के आयात को अनुमति नहीं दे सकता. पीयूष गोयल ने संसद में कहा, "सरकार हमारे किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों और उद्योग के सभी वर्गों के कल्याण की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है. हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे".

Advertisement

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को "डेड इकॉनमी" करार दिया था. वाणिजय मंत्री ने बिना ट्रम्प का नाम लिए कहा, "एक दशक से भी कम समय में भारत 'फ्रेजाइल  पांच' अर्थव्यवस्थाओं में से निकलकर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। सुधारों, किसानों, एमएसएमई और उद्यमियों की कड़ी मेहनत के बल पर हम 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में आ गए हैं. उम्मीद है कि हम कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. आज, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और अर्थशास्त्री भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक 'उज्ज्वल स्थान' के रूप में देखते हैं. भारत वैश्विक विकास में लगभग 16 प्रतिशत का योगदान दे रहा है". 

Advertisement

इससे पहले संसद की कार्यवाही शुरू होते ही लोक सभा और राज्य सभा में विपक्षी दलों ने मांग की कि सदन की तय कार्यवाही को रोककर अमेरिका द्वारा 25% टैरिफ लगाने के फैसले की समीक्षा के लिए संसद में चर्चा शुरू की जाए. लेकिन लोक सभा स्पीकर और राज्य सभा के उपसभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी.  राज्यसभा में अमेरिकी Tariff पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के स्टेटमेंट पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एनडीटीवी से कहा, "राज्यसभा में एक परंपरा रही है की कोई भी मंत्री जब बयान देता है तो उस पर क्लेरिफिकेशन भी पूछा जाता है. लेकिन वाणिज्य मंत्री के स्टेटमेंट पर कोई सवाल जवाब नहीं हुआ. संसद में अमेरिका ने जो Tariff लगाया है उस विस्तार से चर्चा बेहद जरूरी है"

Advertisement
Featured Video Of The Day
US vs Russia: मेदवेदेव की धमकी से भड़के ट्रंप | दो परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने का दिया आदेश