NEET-NET विवाद के बीच बदले गए NTA के महानिदेशक, प्रदीप सिंह खरोला बने नए प्रमुख

नीट पेपर लीक विवाद के बीच सरकार ने NTA के महानिदेशक सुबोध कुमार को पद से हटा गिया है. अब IAS प्रदीप सिंह खरोला NTA के नए महानिदेशक होंगे.

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नई दिल्ली:

NEET और यूजीसी-नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर बड़े विवाद के बीच सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के प्रमुख को बदल दिया है. एनटीए के महानिदेशक रहे सुबोध कुमार सिंह की जगह सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासन सेवा (आईएएस) अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला ने ले ली है.

नीट पेपर लीक को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे थे. वहीं, पूरे देश में छात्रों का प्रदर्शन भी जारी है. इसको देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला किया है और NTA के महानिदेशक को पद से हटा दिया है.

प्रदीप सिंह खरोला भारत व्यापार संवर्धन संगठन के अध्यक्ष और एमडी हैं और उन्हें "नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक या अगले आदेश तक" एनटीए के महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था क‍ि नेशनल टेस्‍ट‍िंंग एजेंसी के स्ट्रक्चर उसकी फंक्शनिंग, सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को और इंप्रूव करने के लिए भी हाई लेवल कमेटी से रिकमेंडेशन ल‍िया जाएगा. हम जीरो एरर की परीक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. छात्र देश के भविष्य हैं . हम राजनीत‍िक दलों से अपील करते हैं क‍ि अफवाह न फैलाई जाए. इस मामले में राजनीत‍ि न की जाए. सरकार किसी भी सुधार के लिए तैयार है और अब यह फैसला लिया गया है.

मेडिकल में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा NEET पर इन दिनों जमकर विवाद हो रहा है. दरअसल 5 मई को हुए नीट के एग्जाम (NEET Exam) में एक यो दो नहीं पूरे 67 बच्चों ने टॉप किया, जो अपने आप में चौकाने वाली बात है. 

लगभग 42 दिनों तक बार-बार याद दिलाने के बावजूद एनटीए ने बिहार पुलिस के ईओयू के साथ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया, जिसमें विशिष्ट संख्या में प्रश्न पत्र और श्रृंखला वाले केंद्रों की सूची शामिल है. 

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केंद्रीय गृह मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार गुरुवार को एनटीए ने सेंटर और लोकेशन साझा किया, जिसकी सीरीज 5 मई को ईओयू द्वारा जब्त कर ली गई थी.

क्या है विवाद?
NEET-UG एग्जाम में बहुत ज्यादा नंबर दिए जाने के आरोप लगे हैं. इस वजह से इस साल रिकॉर्ड 67 कैंडिडेट्स ने परफेक्ट स्कोर के साथ टॉप रैंक हासिल किया है. पिछले साल टॉप रैंक पर मात्र दो स्टूडेंट आए थे. ऐसे में स्टूडेंट्स का आरोप है कि कई कैंडिडेट्स के मार्क्स प्लान के तहत घटाए और बढ़ाए गए हैं. दूसरी ओर, 6 सेंटर में एग्जाम कराने में देरी हुई. समय की बर्बादी की भरपाई के लिए ऐसे सेंटरों में कम से कम 1500 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए, जो जांच के दायरे में हैं.

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