पेगासस स्पाईवेयर विवाद पर सरकार ने कहा, 'नहीं हुआ कोई अनाध‍िकृत इंटरसेप्शन'

पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर भारतीय पत्रकारों के फोन नंबर एक अज्ञात एजेंसी की हैकिंग सूची में थे, 'द वायर' की इस रिपोर्ट पर हंगामे के बीच कि केंद्र अपनी पहले की बात पर कायम है कि कोई भी अनाध‍िकृत इंटरसेप्शन नहीं हुआ है.'

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नई दिल्ली:

पेगासस सॉफ्टवेयर (Spyware Pegasus) का उपयोग कर भारतीय पत्रकारों के फोन नंबर एक अज्ञात एजेंसी की हैकिंग सूची में थे, 'द वायर' की इस रिपोर्ट पर हंगामे के बीच कि केंद्र अपनी पहले की बात पर कायम है कि कोई भी अनाध‍िकृत इंटरसेप्शन नहीं हुआ है.' मीडिया के सवालों के जवाब में, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है जो अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

कैसे पेगासस का इस्तेमाल जसूसी के लिए किया गया

सरकार ने एक बयान में कहा, "इस प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 को भी पेश किया गया है, ताकि व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की रक्षा की जा सके और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया जा सके."

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्र ने NDTV से कहा, ''डरने की कोई बात नहीं है और सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. हम हर सवाल का जवाब देंगे. न्यूज आर्टिकल से कुछ भी साबित नहीं होता. वास्तव में, पेगासस को सरकार के साथ से जोड़ने के पहले भी प्रयास हुए हैं जो कि विफल रहे हैं.''

पेगासस स्कैंडल पर सरकार ने की 'मजबूत बचाव' की तैयारी : सूत्र

पेगासस को बनाने वाले एनएसओ ग्रुप ने अपनी ''ट्रांसपेरेंसी और रिस्पॉसिबिल‍िटी रिपोर्ट 2021 में कहा है कि इसके उत्पाद सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से सत्यापित सरकारी एजेंसियों के इस्तेमाल के लिए ही बने हैं. कंपनी कहती है, 'हम पेगासस का लाइसेंस केवल स्वीकृत, सत्यापित और अधिकृत सरकारों और सरकारी एजेंसियों को देते हैं, विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रमुख कानूनी जांच में उपयोग किए जाने के लिए."

Pegasus विवाद पर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?

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