पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने इमरान खान को उनके आवास में छिपे कथित आतंकियों को सौंपने के लिए दिया अल्टीमेटम

कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने लाहौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें खुफिया विभाग से सूचना मिली है कि सैन्य प्रतिष्ठानों, खास तौर से नौ मई को लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर हमले में शामिल 30-40 आतंकवादी इमरान खान के जमान पार्क वाले आवास में छिपे हुए हैं.

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नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान को लाहौर स्थित उनके आवास में ‘‘छिपे 30-40 आतंकवादियों'' को सौंपने के लिए 24 घंटों का समय दिया है और ऐसा नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. बुधवार को मीडिया में इस संबंध में आयी खबरों में यह जानकारी मिली है.गौरतलब है कि मार्च में खान को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जमान पार्क वाले आवास पर गयी थी लेकिन पीटीआई कार्यकर्ताओं के भीषण विरोध के कारण ऐसा नहीं हो पाया.

कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने लाहौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें खुफिया विभाग से सूचना मिली है कि सैन्य प्रतिष्ठानों, खास तौर से नौ मई को लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर हमले में शामिल 30-40 आतंकवादी इमरान खान के जमान पार्क वाले आवास में छिपे हुए हैं. हम खान और उनकी पार्टी को इन आतंकवादियों को पुलिस को सौंपने के लिए 24 घंटे का वक्त देते हैं या फिर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.''

लोकप्रिय न्यूज एंकर हामिद मीर के भाई आमिर मीर ने खान से इस अल्टीमेटम को गंभीरता से लेने को कहा क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उनके आवास से आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का अधिकार प्राप्त है. नौ मई को प्रदर्शन करने वालों को ‘आतंकवादी' करार देते हुए मीर ने कहा कि सरकार के पास पुख्ता सूचना है कि वे लोग खान के जमान पार्क वाले आवास में मौजूद हैं.

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मीर ने कहा, ‘‘खुफिया विभाग से जो रिपोर्ट मिली है वह बहुत ही चिंतित करने वाली है.'' उन्होंने कहा कि एजेंसियां जियो-फेंसिंग के माध्यम से जमान पार्क में ‘आतंकवादियों' की उपस्थिति की पुष्टि करने में सफल रही हैं. जियो-फेंसिंग ऐसी प्रौद्योगिकी है जो उपग्रह के सिग्नल का उपयोग करके लोगों और वाहनों की आवाजाही आदि का पता लगा सकती है.

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पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश भर में हुई हिंसा को याद करते हुए मीर ने आरोप लगाया कि ‘‘पीटीआई नेतृत्व ने (इमरान खान की) गिरफ्तारी से पहले ही हमले की तैयारियां कर ली थीं.'' इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में नौ मई को अर्धसैनिक बल पाकिस्तान रेंजर्स ने खान (70) को गिरफ्तार किया था जिसके बाद पूरे देश में अशांति की स्थिति हो गई थी.

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पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार प्रदर्शनकारी रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय में घुस गए और लाहौर स्थित कोर कमांडर के मकान को जला दिया था.पुलिस ने हिंसा की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 10 बतायी है, वहीं खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षा बलों द्वारा चलायी गई गोलियां लगने से पार्टी के 40 कार्यकर्ताओं की मौत हुई है.

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मीर ने यह भी आरोप लगाया कि पीटीआई प्रमुख तय योजना के तहत एक साल से भी ज्यादा वक्त से सेना पर निशाना साध रहे थे. खबरों के अनुसार, कार्यवाहक सूचना मंत्री ने कहा कि सरकार ने हिंसा के खिलाफ ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं' करने की नीति अपनाई है और अंतरिम मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने ‘आगजनी करने वालों' से निपटने के लिए पंजाब पुलिस को पूरी छूट दे रखी है. मीर ने कहा, ‘‘कोर कमांडर के आवास पर हमले के वक्त आगजनी करने वाले कई लोग जमान पार्क के भीतर मौजूद लोगों के संपर्क में थे. उन्हें नजीर बनाया जाएगा ताकि भविष्य में फिर कोई ऐसा कुछ ना करे.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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