केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया अगले सप्ताह ई-फार्मेसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. बैठक में ई-फार्मेसी कंपनियों से उनके बिजनेस मॉडल को लेकर सफाई मांगी जा सकती है. ई-फार्मेसी कंपनियों की लंबे समय से यह मांग रही थी कि स्वास्थ्य मंत्री उनके साथ बैठक करें. मंत्रालय के सूत्रों ने साफ किया है कि सरकार का कहना है कि आधुनिकीकरण से दिक्कत नहीं है, लेकिन यह दुनिया के आधार पर नहीं होगा बल्कि मॉडल भारत का होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ई फार्मेसी कंपनी से ई प्रिस्क्रिप्शन के मुद्दे पर बात करेंगी.
गौरतलब है कि अंतर मंत्रालयी परामर्श के लिये भेजे गए ‘न्यू ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेस एंड कॉस्मेटिक्स बिल, 2023' के संशोधित मसौदे में कहा गया है़ कि “केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिये, ऑनलाइन माध्यम से किसी भी दवा की बिक्री या वितरण को विनियमित, बाधित या प्रतिबंधित कर सकती है.”
लोगों की राय के लिए मसौदा विधेयक को पिछले साल जुलाई में सार्वजनिक किया गया था और इसमें ई-फार्मेसी के संचालन के लिए अनुमति लेने का प्रावधान है. नया कानून 1940 के मौजूदा ‘ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट' का स्थान लेगा.
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