Google का दावा: IT नियम उसके सर्च इंजन पर नहीं होते लागू

गूगल ने दावा किया है कि एकल न्यायाशीश ने 20 अप्रैल के आदेश में नए नियम के अनुसार ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ’ या ‘महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ’ के तौर पर उसके सर्च इंजन का ‘‘गलत चित्रण’’ किया. 

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
गूगल ने दिल्‍ली हाईकोर्ट से एकल जज के आदेश को दरकिनार करने का आग्रह किया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एकल न्यायाधीश के आदेश को दरकिनार करने का किया आग्रह
इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री हटाने से संबंधित है मामला
कुछ बदमाशों ने अश्लील सामग्री वेबसाइट पर कर दी थी अपलोड
नई दिल्ली:

गूगल एलएलसी ने दावा किया कि डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के नियम उसके सर्च इंजन पर लागू नहीं होते और दिल्ली हाईकोर्ट से बुधवार को अनुरोध किया कि वह एकल न्यायाधीश के उस आदेश को दरकिनार करे, जिसके तहत इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री हटाने संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी पर भी इन नियमों को लागू किया गया था. एकल न्यायाधीश की पीठ ने उस मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया था, जिसमें एक महिला की तस्वीरें कुछ बदमाशों ने अश्लील (पॉनग्रैफिक) सामग्री दिखाने वाली एक वेबसाइट पर अपलोड कर दी थीं और उन्हें अदालत के आदेशों के बावजूद वर्ल्ड वाइड वेब से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका था एवं इन तस्वीरों को अन्य साइट पर फिर से पोस्ट किया गया था.

वैक्‍सीन की कमी पर HC की केंद्र को फटकार, कहा-अदालतें नाराजगी जता रहीं लेकिन आप नहीं जाग रहे..

प्रधान न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, अश्लील सामग्री दिखाने वाली (पॉर्नग्रैफिक) साइट और उस महिला को नोटिस जारी किए, जिसकी याचिका पर एकल न्यायाधीश ने आदेश जारी किया था. पीठ ने उनसे 25 जुलाई तक गूगल की याचिका पर अपना अपना जवाब देने को कहा. अदालत ने यह भी कहा कि वह इस चरण अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी.

कोरोना के दौरान कैदियों की जेल से अस्‍थायी रिहाई को लेकर अर्जी, HC ने केंद्र, दिल्‍ली सरकार से मांगा जवाब

Advertisement

गूगल ने दावा किया है कि एकल न्यायाशीश ने 20 अप्रैल के अपने आदेश में नए नियम के अनुसार ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ' या ‘महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ' के तौर पर उसके सर्च इंजन का ‘‘गलत चित्रण'' किया. उसने याचिका में कहा, 'एकल न्यायाशीश ने याचिकाकर्ता सर्च इंजन पर नए नियम 2021 गलत तरीके से लागू किए और उनकी गलत व्याख्या की. इसके अलावा एकल न्यायाधीश ने आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं और विभिन्न नियमों को समेकित किया है और ऐसे सभी आदेशों एवं प्रावधानों को मिलाकर आदेश पारित किए है, जो कानून में सही नहीं है.'

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Indian Army PC: 'पाकिस्तान के विमान हमारी सीमा में नहीं घुस पाए' | India Pakistan Tension
Topics mentioned in this article