पर्यटन और तीर्थयात्रा पर जानें से पहले जरूर पढ़ें यह खबर, ऑनलाइन बुकिंग के दौरान होने वाली धोखाधड़ी से रहें सतर्क

देश में ऑनलाइन बुकिंग में धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्‍वय केंद्र की ओर से लोगों को सचेत किया जा रहा है.

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ऑनलाइन बुकिंग के दौरान होने वाली ठगी को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली :

देशभर में गर्मी की छुट्टियों का मतलब है पर्यटन. इस मौसम में देश के पर्यटन और तीर्थस्‍थलों पर हजारों लोग उमड़ते हैं. हालांकि कई बार लोगों को ऑनलाइन बुकिंग के दौरान धोखाधड़ी का भी सामना करना पड़ता है. नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर मौजूद पेड विज्ञापनों के माध्यम से इस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है. इसके मद्देनजर  केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्‍वय केंद्र (Indian Cyber ​​Crime Coordination Centre) ने ऑनलाइन बुकिंग को लेकर आम लोगों को सचेत किया है. आइए जानते हैं कि आप इस तरह की धोखाधड़ी से कैसे बच सकते हैं और यदि आप इस तरह की घटना के शिकार हो जाते हैं तो आपको क्‍या करना चाहिए. 

ऑनलाइन बुकिंग के दौरान ऐसे होती है धोखाधड़ी

इसके साथ ही भारतीय साइबर अपराध समन्‍वय केंद्र ने बताया है कि किस तरह से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी की जाती है. 

  • केदारनाथ, चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग
  • तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग
  • ऑनलाइन कैब/टैक्सी सेवा बुकिंग
  • होलीडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं

... और तब होता है ठगे जाने का ऐलान 

लोग इन पोर्टलों के माध्‍यम से बिना किसी संदेह के भुगतान करते हैं. हालांकि उन्‍हें ठगे जाने का अहसास उस वक्‍त होता है जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर हो जाते हैं. 

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सतर्क रहें, इस तरह से बचें 

लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इस तरह के कुछ आसान उपाय अपनाकर आप ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचे रह सकते हैं: 

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  1. कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की हमेशा जांच करें. 
  2. गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर 'प्रायोजित' या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें. 
  3. बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करें. 
  4. ऐसी वेबसाइटों की तुरंत शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर करें या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें. 
  5. केदारनाथ हेलीकॉप्टर बुकिंग https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है. 
  6. सोमनाथ ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://somnath.org है और गेस्ट हाउस बुकिंग उसी के माध्यम से की जा सकती है. 

ऐसे मामलों को रोकने के लिए रणनीति

ऐसे मामलों को रोकने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र कई प्रयास कर रहा है. इसके लिए अपनाई जा रही है यह रणनीति:  

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  • स्कैम सिग्नल एक्सचेंज: स्कैम सिग्नल नियमित रूप से आईटी मध्यस्थों जैसे गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक के साथ साझा किए जा रहे हैं, जिससे सक्रिय रूप से पता लगाया जा सके.
  • प्रवर्तन (Enforcement): साइबर अपराध हॉटस्पॉट्स की पहचान की जा रही है. साथ ही इसे लेकर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को अधिक संवेदनशील बनाया जा रहा है.
  • साइबर गश्त: नकली वेबसाइटों/विज्ञापनों के सोशल मीडिया अकाउंट तक की पहुंच को डिसेबल किया जा रहा है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा हो. 
  • संदिग्धों की जांच और शिकायत: राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर संदिग्धों की जांच और रिपोर्टिंग सुविधा विकसित की गई है, जिससे रिपोर्टिंग यानी शिकायत दर्ज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो. 
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