"कश्मीर फाइल्स प्रोपेगेंडा है..." - गोवा फिल्म फेस्ट के 3 जूरी ने इजरायली फिल्म निर्माता नादव लापिड का किया समर्थन

बयान में कहा गया है कि लापिड ने ज्यूरी प्रमुख के रूप में जो भी कहा था उसे पूरी ज्यूरी जानती थी और उससे सहमत थी.

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(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

आईएफएफआई के समापन समारोह में विवेक अग्निहोत्री निर्देशित 'द कश्मीर फाइल्स' को एक ‘‘प्रचार फिल्म'' और ‘‘अश्लील'' करार देने वाले इजरायली फिल्म निर्माता नादव लापिड को आईएफएफआई के तीन अन्य जूरी का समर्थन मिला है. जूरी मेंबर जिंको गोतोह ने अधोहस्ताक्षरी के रूप में पास्कल चावेंस और जेवियर एंगुलो बारटुरेन के साथ एक बयान ट्वीट किया. 

उक्त बयान में कहा गया है कि लापिड ने ज्यूरी प्रमुख के रूप में जो भी कहा था उसे पूरी ज्यूरी जानती थी और उससे सहमत थी. हालांकि, इस बयान में आईएफएफआई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता जूरी में अकेले भारतीय फिल्म निर्माता सुदीप्तो सेन का नाम नहीं है, जिन्होंने यह दावा करते हुए बयान दिया था कि लैपिड ने "अपनी व्यक्तिगत क्षमता में" टिप्पणी की है. 

हालांकि, अपने बयान को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद लापिड ने माफी मांग ली है. उन्होंने कहा कि उनका मकसद कश्मीरी पंडितों की त्रासदी को नकारना नहीं था, बल्कि उन्होंने केवल फिल्म के "सिनेमाई हेरफेर" पर टिप्पणी की थी.  यह त्रासदी "एक गंभीर फिल्म की हकदार है". इसे तीन साथी जूरी सदस्यों ने अपने संयुक्त बयान में रेखांकित किया था. 

बयान में कहा गया है , "फेस्टिवल के समापन समारोह में, जूरी के अध्यक्ष नादव लापिड ने जूरी सदस्यों की ओर से एक बयान दिया: 'हम सभी 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से परेशान और हैरान हैं, वो हमें एक अश्लील प्रचार की तरह लगा. फिल्म, इस तरह के एक प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त है' हम उनके बयान पर कायम हैं."

बयान में आगे कहा गया, " और स्पष्ट करने के लिए, हम फिल्म की सामग्री पर कोई राजनीतिक रुख नहीं ले रहे थे, हम एक कलात्मक बयान दे रहे थे. यह हमें फेस्टिवल के मंच को राजनीति और बाद में नदव पर व्यक्तिगत हमलों के लिए इस्तेमाल करने के लिए बहुत दुखी करता है. जूरी का यह इरादा कभी नहीं था."

बता दें कि जिंको गोतोह एक ऑस्कर-नामांकित अमेरिकी निर्माता हैं; जेवियर ए बार्टुरन, एक वृत्तचित्र फिल्म निर्माता और फ्रांस के पत्रकार; और पास्कल चावांस फ्रांस से एक फिल्म संपादक हैं.

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