गोवा : 2017 से 'सबक' लेकर राहुल गांधी कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को दिलाएंगे 'वफादारी की प्रतिज्ञा'

गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान है और मतगणना 10 मार्च को होगी.

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नई दिल्ली:

गोवा में कांग्रेस के सभी उम्मीदवार बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी के साथ वफादारी का संकल्प लेंगे और चुनाव के बाद पार्टी नहीं बदलने की वादा करेंगे. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई थी, लेकिन दलबदल के कारण सरकार बनाने में विफल रही. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुने गए 17 में से सिर्फ दो विधायक अब पार्टी के साथ हैं.

पार्टी राज्य के लोगों को आश्वस्त करना चाहती है कि कांग्रेस को वोट देना एक व्यर्थ वोट नहीं होगा और चुनाव जीतने के बाद प्रतिनिधि दलबदल नहीं करेंगे. 2019 में, विधायकों के एक बड़े हिस्से ने पार्टी छोड़ दी थी.

कांग्रेस पहले भी इसी तरह का आयोजन कर चुकी है और सभी उम्मीदवारों ने संकल्प लिया है कि वे विधानसभा चुनाव के बाद जनता और पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे. उम्मीदवारों ने इस महीने की शुरुआत में एक मंदिर, एक चर्च और एक दरगाह में वफादारी की शपथ ली थी, और मतदाताओं को यह समझाने के लिए राहुल गांधी के साथ इसे दोहराएंगे कि वे चुनाव के बाद दलबदल नहीं करेंगे.

कांग्रेस नेता और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भाजपा पर विधायकों को दल बदलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि 2017 में क्या हुआ था. भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है और ब्लैकमेल और छापेमारी करती है. हम गोवा के लोगों से स्पष्ट बहुमत देने की अपील करते हैं और हमें विश्वास है कि हम 21 से अधिक सीटें जीतेंगे.'

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भाजपा राज्य में खुद को एक स्थिर पार्टी के रूप में पेश कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, "केवल बीजेपी ही गोवा में विकास ला सकती है क्योंकि यह एकमात्र पार्टी है जो राज्य को स्थिरता प्रदान कर सकती है.'

शाह ने तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, 'कोई भी दल यहां स्थिर सरकार बनाने के लिए नहीं आया है. कुछ दल राष्ट्रीय दल बनना चाहते हैं, इसलिए वे अपनी पात्रता बचाने के लिए गोवा से कुछ वोट लेने आए हैं. कोई यहां अपना खाता खोलने आया है. वे सरकार नहीं बना सकते. सरकार केवल भाजपा द्वारा बनाई जाएगी और इसलिए हमें आपके आशीर्वाद की जरूरत है.'

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उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार गोवा को केवल छुट्टियों की जगह के रूप में इस्तेमाल करता है जबकि भाजपा "गोल्डन गोवा" बनाना चाहती है. उन्होंने अन्य विपक्षी दलों की भी आलोचना करते हुए कहा कि वे डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

गोवा में कांग्रेस के प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने गांधी परिवार पर अमित शाह की आलोचना के जवाब में कहा, "अमित शाह गोवा में कांग्रेस और गांधी परिवार के योगदान को नहीं जानते'

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गृहमंत्री के निशाने का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करने का आरोप लगाया, ताकि उन्हें एक बार निर्वाचित होने के बाद उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर सकें. आप के गोवा संयोजक राहुल म्हाम्ब्रे ने कहा, 'भाजपा जानती है कि वे अकेले गोवा में सरकार नहीं बना सकते हैं, इसलिए वे कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे हैं जो 2017 की तरह अगर वे जीतते हैं तो पार्टियां बदल लेंगे. लेकिन गोवा के लोगों को फिर से धोखा नहीं दिया जा सकता. इस बार गोवा आप को चुनेगा.'

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तृणमूल ने भी पलटवार करते हुए कहा, "गुजरात से आने वाले को किसी को गोवा के लोगों को उपदेश नहीं देना चाहिए, अमित शाह जी. अफसोस है कि आप अभी भी विभाजनकारी राजनीति से ऊपर नहीं उठ सके.'

गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान है और मतगणना 10 मार्च को होगी.

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