महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी के नेता राज ठाकरे ने मुंबई के गोरेगांव नेस्को ग्राउंड में पार्टी के समूह अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि वो स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे. चुनाव के बाद वो सत्ता में होंगे. उन्होंने कहा कि "एक बार महाराष्ट्र की बागडोर मुझे दे दो". उन्होंने कहा, "बाबा सिद्दीकी का निधन हुआ, हत्यारे यूपी और हरियाणा के हैं. मुंबई में पुलिस के सामने लोगों को मारा जा रहा है, महाराष्ट्र में बलात्कार हो रहा है."
राज ठाकरे ने कहा, "शरद पवार नास्तिक हैं, वो किसी भी धर्म में विश्वास नहीं रखते हैं. खुद सुप्रिया सुले ने संसद में यह बात कही थी. मेरे कहने के बाद शरद पवार मंदिर में हाथ जोड़ते हुए दिखे लेकिन यह झूठ और दिखावटी है".
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र की कमान मेरे हाथ में दे दो. किसी को भी दिल्ली में बैठने दीजिए, महाराष्ट्र कभी नहीं झुकेगा. चुनाव के बाद आरक्षण का मामला बंद हो जाएगा. मराठा मोर्चा के जिला-जिला रवाना होने के बाद क्या होगा? आरक्षण एक जटिल विषय है और इससे निकलने का कोई रास्ता नहीं है. एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने आरक्षण दिया लेकिन आप नहीं दे सकते हैं. राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती है. अपने कारोबार को बढ़ाने का प्रयास करें. झूठ बोलकर भावनाओं को ठेंस पहुंचाई जा रही है."
उन्होंने कहा, "मालवन में महाराज की मूर्ति हवा से उड़ गई, इस तरह प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए. यदि समुद्र में महाराज की मूर्ति स्थापित करने के लिए पर्याप्त पानी हो तो क्या होगा? यदि आप इसे भरकर महाराज की मूर्ति बनाना चाहें तो इसमें 15 से 20 हजार रुपये लगेंगे. समुद्र में महाराज की मूर्ति लगवाने की बजाय महाराज के किलों पर इतना पैसा खर्च करो. हम आने वाली पीढ़ियों को बता सकते हैं कि हमारा राजा कौन था और उसने क्या किया? यदि आप ईमानदार और सरल रतन टाटा को पसंद करते हैं तो आप ऐसे राजनेता को क्यों पसंद नहीं करते हैं?"
राज ठाकरे ने कहा, "इस बारे में सोचें कि क्या आप ऐसे राजनेता चाहते हैं जो विस्फोटक हों या ऐसे राजनेता जो केवल देश के बारे में सोचते हों. अगर महाराष्ट्र की जनता ने आज फैसला नहीं लिया तो महाराष्ट्र बर्बाद हो जाएगा. जो कहीं जा रहा है वहां वफादारी के नाम की कोई चीज है या नहीं. उद्धव ठाकरे इतिहास से बाहर नहीं आते, अरे महाराष्ट्र की बात करो".
उन्होंने कहा, "लड़की बहिन योजना का पैसा अगले महीने तक वापस नहीं आएगा. जनवरी-फरवरी तक राज्य सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं होंगे. उन्हें पैसे देने के बजाय रास्ता दिखाओ. मैं आपको अपना वचन दे सकता हूं कि मैं क्या हासिल कर सकता हूं. मेरे हाथ में सत्ता सौंप दो, महाराष्ट्र का कोई भी युवा बिना काम के नहीं रहेगा. हर किसी को काम करना होगा लेकिन वह जाति के हिसाब से नहीं दिया जाएगा. कोई भी सच नहीं बताता, केवल मैं ही इसकी हिम्मत रखता हूं".