चेन्नई के कला केंद्र में यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के कलाक्षेत्र परिसर में अनिर्धारित दौरे के एक दिन बाद विरोध प्रदर्शन हुआ

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
चेन्नई के कला क्षेत्र फाउंडेशन में यौन उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन किया गया.
चेन्नई:

चेन्नई की एक शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी, कलाक्षेत्र फाउंडेशन में कथित यौन उत्पीड़न की शिकार हुई छात्राओं के लिए न्याय की मांग करते हुए लगभग 200 छात्राओं ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया. चार पुरुष फैकल्टी मेंबरों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है. विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्राएं हाथों में तख्तियां लिए थीं, जिन पर लिखा था - "हम न्याय चाहते हैं." उन्होंने प्रशासन और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने दोनों पर उनकी शिकायतें खारिज करने का आरोप लगाया.

एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा के कलाक्षेत्र परिसर के अनिर्धारित दौरे के एक दिन बाद यह विरोध प्रदर्शन हुआ. रेखा शर्मा ने संस्थान की डायरेक्टर रेवती रामचंद्रन और कुछ संकाय सदस्यों से मुलाकात की थी.

छात्राओं का कहना है कि एनसीडब्लू की अध्यक्ष ने यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में छात्राओं और संकाय सदस्यों की उपस्थिति में सार्वजनिक रूप से बताने के लिए कहा. एक छात्रा ने कहा, "उन्होंने एक-एक करके पूछा, 'क्या आपके साथ छेड़छाड़ हुई थी, क्या आपके साथ छेड़छाड़ हुई थी.' क्या यह जांच करने का तरीका है? उनका उद्देश्य मामले को ढांकना है." अकादमी की एक पूर्व छात्रा ने कहा, "यह वर्षों से चल रहा है."

किस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा? इस पर एक छात्रा ने कहा, "यह सैक्सुअल मैसेजिंग है. अगर हम विरोध करते हैं तो दुर्व्यवहार, कम ग्रेड दिए जाते हैं और नृत्य का कोई अवसर नहीं मिलता है, चाहे हम कितने भी अच्छे क्यों न हों."

एक अन्य ने कहा, "इतने सालों में कई लोगों का यौन शोषण हुआ...याद रखें कि हम 18 या 19 साल की उन लड़कियों की बात कर रहे हैं जो शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर सकतीं."

रेखा शर्मा ने पहले भी राज्य के पुलिस प्रमुख सी सिलेंद्र बाबू से मामले को आगे नहीं बढ़ाने के लिए कहा था क्योंकि मुख्य शिकायतकर्ता ने संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति की ओर से की गई पूछताछ के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया था.

Advertisement

इस सप्ताह की शुरुआत में एक रिपोर्ट में संस्थान ने दावा किया था कि कलाक्षेत्र में संकाय सदस्यों द्वारा यौन दुराचार के आरोप "दुष्प्रचार" है.

रेवती रामचंद्रन ने कहा, "किसी भी अप्रिय गतिविधि में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा." उन्होंने कहा कि आरोपों का सामना कर रहे लोगों से पूछताछ की गई है और बोर्ड कानून के मुताबिक कार्रवाई करने पर विचार करेगा.

Advertisement

सन 1936 में हुई थी कलाक्षेत्र फाउंडेशन की स्थापना

नृत्यांगना रुक्मिणी देवी अरुंडेल ने 1936 में कलाक्षेत्र फाउंडेशन की स्थापना की थी. यह एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है जो भरतनाट्यम नृत्य, कर्नाटक संगीत और अन्य पारंपरिक कलाओं की शिक्षा देता है. यह उत्कृष्टता और अनुशासन के अपने उच्च मानकों के लिए जाना जाता है. इस संस्थान ने कई दशकों में कई प्रतिष्ठित कलाकार दिए हैं.

यौन उत्पीड़न कांड ने संस्था और उसकी पूर्व छात्राओं को हिलाकर रख दिया है. उन्होंने छात्राओं के साथ एकजुटता जताई है और इस मुद्दे से निपटने में संस्थान प्रशासन को लेकर निराशा व्यक्त की है। कुछ प्रमुख कलाकारों में से एक गायक टीएम कृष्णा ने भी कलाक्षेत्र की प्रतिक्रिया के खिलाफ बात की है और मामले की गहन जांच की मांग की है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP Drone News | यूपी में ड्रोन से दहशत फैलाने वालों पर चलेगा Gangster Act: CM Yogi Adityanath