गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, जम्मू कश्मीर की सियासत पर कड़ी नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शायद गुलाम नबी अपनी कोई क्षेत्रीय पार्टी बनाएंगे ...वहीं कुछ लोगों का मानना है कि शायद वो भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगे. बहरहाल, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है और साथ ही राजनीति में किसी तरह की भविष्वाणी भी नहीं की जाती. लेकिन NDTV को दिए एक इंटरव्यू में गुलाम नबी ने इस बात की ओर इशारा किया कि वो जरूरत पड़ने पर अपनी एक अलग पार्टी बना सकते हैं.
पिछले वर्ष दिसंबर की एक सर्द सुबह जब हमारे संवाददाता ने उनसे पूछा कि इस अटकलबाजी में कितनी सच्चाई है कि आप अपनी नई पार्टी बना रहे हैं , तो उनका जवाब काफी गर्म था. उन्होंने कहा,”राजनीति और मौत में बहुत समानता है,,,कब क्या होगा कहा नहीं जा सकता..कुछ भी हो सकता है. फिलहाल अपनी पार्टी बनाने का इरादा नहीं है.”
लेकिन दूसरे ही सांस में वो कहते हैं कि लाखों लोग उनसे कहते हैं कि उन्हें हमारी लीडरशिप पसंद हैं..और वो हमारे साथ आने के लिए तैयार हैं.”
मौजूदा नेतृत्व से अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए उन्होंने कहा कि इंदिरा जी और राजीव जी के जमाने में माहौल ही कुछ अलग था. उन्होंने कहा कि वे दोनों आपके विचारों का सम्मान करते थे. आप उनके विचार से इत्तिफाक नहीं भी रख सकते हैं... .उन्हें मालूम होता था कि मेरा फैसला पार्टी के हित में है.”