कृषि कानून बिल और जमीन अधिग्रहण के खिलाफ मंडोला में किसानों के धरने (Mandola Farmers Protest) को खत्म करवाने की कोशिश की गई है. गाजियाबाद (Ghaziabad) के मंडोला विहार में छह गांवों के सैंकड़ों किसान कब्र खोदकर आमरण अनशन और धरने पर बैठे थे. शनिवार रात को इन गड्डों को प्रशासन की ओर से भरवाने की कोशिश की गई. इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी रात करीब दो बजे मौके पर पहुंचे थे, जिसके बाद जेसीबी की सहायता से गड्डों को भरवाना शुरू किया.
मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ किसानों द्वारा खोदे गए गड्डों को भरवाया. इसके लिए जेसीबी मशीन मौके पर बुलवाई गई. प्रशासन की कार्रवाई के बाद मंडोला में भारी संख्या में पुलिसकर्मी और आम लोग मौजूद हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि 17 दिनों से चल रहे धरने को प्रशासन खत्म करवाना चाहता है.
किसानों का यह अनोखा आमरण अनशन आवास विकास परिषद की भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कई महीनों से चल रहा है. मंडोला और आसपास के छह गावों के किसानों की करीब 2600 एकड़ से ज्यादा जमीन को आवास विकास परिषद ने साल 2000 में अधिग्रहण किया था. किसानों का कहना है कि अब आवास विकास परिषद जमीन को 40 हजार रुपए मीटर के हिसाब से बेच रही है.
आंदोलन की बागडोर मनवीर तेवतिया के हाथ में हैं और उन्होंने कहा था कि कृषि कानून में संशोधन और मंडोला के किसानों को जमीन का मुआवजा देने में हुई गड़बड़ी के खिलाफ आमरण अनशन कर रहे हैं.
प्रशासन लगातार इस धरने को खत्म करने की कोशिश कर चुका है. पहले भी दो दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई रास्ता नहीं निकला है.
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