जर्मनी के चांसलर दो-दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे, प्रधानमंत्री मोदी से हुई इन विषयों पर बात

जर्मनी और भारत के बीच संबंधों में कई क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी आई है. शोल्ज रविवार की सुबह बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे, जहां से वह शाम साढ़े पांच बजे प्रस्थान करेंगे.

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जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज दो-दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचे.
नई दिल्ली:

जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज दो-दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद कहा कि मैं अपने मित्र ओलाफ स्कोल्ज और उनके प्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करता हूं. चांसलर ओलाफ कई वर्षों के बाद भारत का दौरा कर रहे हैं. आज की बैठक में हमने सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषय पर चर्चा की. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास रहा है. विश्व की दो बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए लाभकारी तो है ही, आज के तनावग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जर्मनी यूरोप में हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर होने के साथ भारत में निवेश का भी महत्वपूर्ण स्रोत है. आज 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की वजह से भारत में सभी सेक्टर्स में नए अवसर खुल रहे हैं. आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है. दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि 'क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म' को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है. शीर्ष पद पर एंजेला मर्केल के 16 साल के ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद दिसंबर, 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शोल्ज की यह पहली भारत यात्रा है.

इस अवसर पर जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है. रूस की आक्रामकता का खामियाजा दुनिया भुगत रही है. अभी भोजन और ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. पिछली बार जब मैंने भारत का दौरा किया था तब से बहुत कुछ बदल गया है. भारत वास्तव में विकास कर रहा है. मेरे और पीएम मोदी के विचार समान हैं. मुझे प्रसन्नता है कि इस वर्ष भारत के पास G20 की अध्यक्षता है.

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मोदी-शोल्ज वार्ता के व्यापक एजेंडे से अवगत लोगों ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के परिणामों को बातचीत में प्रमुखता मिलेगी. उन्होंने कहा कि वार्ता का जोर व्यापार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और नई तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर होगा. दोनों नेताओं के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समग्र स्थिति पर विचार करने की उम्मीद है. इस क्षेत्र में पिछले कुछ सालों के दौरान चीन की बढ़ती आक्रामकता देखी गई है.

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इससे पहले मोदी और शोल्ज के बीच द्विपक्षीय वार्ता इंडोनेशिया के शहर बाली में पिछले साल 16 नवंबर को हुई थी, जबकि दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक पिछले साल दो मई को हुई थी, जब मोदी छठवीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) में हिस्सा लेने बर्लिन गये थे. जर्मनी और भारत के बीच संबंधों में कई क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी आई है. शोल्ज रविवार की सुबह बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे, जहां से वह शाम साढ़े पांच बजे प्रस्थान करेंगे.

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