विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) द्वारा पिछले साल ग्लोबसेक (GLOBSEC) ब्रातिस्लावा फोरम में यूरोप की मानसिकता को लेकर उठाए गए सवाल पर अब उन्हें जमर्नी के चांसलर का भी साथ मिला है. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने उनके बयान को उद्धृत किया है. जयशंकर ने पिछले साल कहा था कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि यूरोप की समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं.
जर्मनी के चांसलर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री के पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा है कि उनकी टिप्पणी में दम है. उन्होंने कहा कि जयशंकर का बयान इस वर्ष की म्यूनिख सुरक्षा रिपोर्ट में शामिल है. साथ ही उन्होंने कहा कि जकार्ता, नई दिल्ली से लेकर यूरोप और उत्तरी अमेरिका तक के देशों के लिए सिर्फ इतना कहना पर्याप्त नहीं है कि हम सब के साझा मूल्य हैं.
ओलाफ शोल्ज़ ने कहा कि हमें आम तौर पर संयुक्त कार्रवाई के लिए इन देशों के हितों और चिंताओं को मिलकर देखना होगा. यही कारण है कि जी 7 के दौरान बातचीत की मेज पर केवल एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधि ही नहीं रहें. हम वास्तव में इन क्षेत्रों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं ताकि वे बढ़ती गरीबी और भुखमरी जैसी समस्याओं का सामना कर सके.
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