लता मंगेशकर के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए क्या बोले कॉरपोरेट जगत के दिग्गज

अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि उनकी आवाज, आकर्षण और संगीत पीढ़ियों तक कायम रहेगा.

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कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों ने लता दीदी को याद किया
नई दिल्ली:

कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों ने रविवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज देश ने एक महान हस्ती को खो दिया है. आरपी संजीव गोयनका समूह के चेयरमैन संजीव गोयनका ने कहा कि लता जी का संगीत आने वाले वर्षों में भी सभी को मंत्रमुग्ध करता रहेगा. आरपी गोयनका समूह के पास सबसे पुराने संगीत लेबल सारेगामा का स्वामित्व है. गोयनका ने कहा, ‘‘लता जी और मेरी मां आपस में बहनों की तरह थीं. वह हमारे परिवार के लिए एक सच्ची प्रेरणा थीं. हालांकि, आज वह नहीं हैं, लेकिन उनका संगीत वर्षों तक हमें उनकी याद दिलाता रहेगा. मेरा परिवार हमेशा उनके प्यार और स्नेह को याद रखेगा.''

लता मंगेशकर का रविवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. उनका काफी दिनों से वहां इलाज चल रहा था. 92 वर्षीय महान गायिका को जनवरी की शुरुआत में दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था.  प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘आप क्या कह सकते हैं जबकि आपकी आवाज चली गई ...ओम शांति.

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अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि उनकी आवाज, आकर्षण और संगीत पीढ़ियों तक कायम रहेगा. अडाणी ने ट्वीट किया, ‘‘यदि किसी ने पूरे भारत का प्रतिनिधित्व किया है, तो वह लता दीदी ही थीं. दीदी ने 36 भाषाओं में गाया है. अरबों लोग उनको याद करेंगे.'' जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोकॉन की कार्यकारी चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने लता मंगेशकर को याद करते हुए उनका गाया गाना ‘तू जहां जहां चलेगा' साझा किया.

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इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन एस एम वैद्य ने कहा कि आज देश की स्वर कोकिला की आवाज थम गई. उन्होंने कहा कि इस नुकसान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. लता जी ने आठ पीढ़ियों तक भारतीयों को मंत्रमुग्ध किया है और वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी. अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा कि यह काफी दुखी करने वाला दिन है. मैं इस महान भारतीय हस्ती के निधन में देश के साथ शोक में शामिल हूं.''

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लता मंगेशकर को ‘मेलोडी क्वीन' कहा जाता था. उन्होंने पांच साल की उम्र में गाने का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था. गायिका के रूप में उनके करियर की शुरुआत 1942 में हुई थी. उन्होंने हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़, बांग्ला सहित 36 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं.
 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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