गौरी लंकेश मर्डर केस : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार और अन्‍य को जारी किया नोटिस

हाईकोर्ट ने गौरी लंकेश हत्या मामलों में आरोपी मोहन नायक के खिलाफ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम ( KCOCA) के तहत आरोपों को खारिज कर दिया था.

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गौरी लंकेश की 2017 में बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

Gauri Lankesh Murder Case : पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गौरी की बहन कविता लंकेश द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है. कर्नाटक सरकार और अन्य को यह नोटिस जारी किया गया है. SC ने कर्नाटक हाईकोर्ट को आरोपी मोहन नायक की जमानत पर फैसला देने की इजाजत दी, लेकिन ये कर्नाटक HC के KCOCA के तहत आरोप रद्द करने के फैसले से अप्रभावित होगा. जमानत पर फैसला बुधवार को आएगा. कविता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने गौरी लंकेश हत्या मामलों में आरोपी मोहन नायक के खिलाफ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम ( KCOCA) के तहत आरोपों को खारिज कर दिया था. गौरी की  2017 में बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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कविता लंकेश की ओर से पेश वकीलों ने अदालत को बताया कि मामले में आरोपी नंबर 6 मोहन नायक जमानत लेने के लिए इस फैसले पर भरोसा कर रहा है. इस पर जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने कहा कि जमानत अर्जी पर फैसले से प्रभावित नहीं होना चाहिए. दरअसल 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरू में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर हत्या की गई थी. याचिका में कहा गया है कि कविता लंकेश द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी और जांच SIT को सौंपी गई थीऔर इस जांच ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि आरोपी व्यक्ति "संगठित अपराध सिंडिकेट" में शामिल थे, जिससे केसीओसीए के प्रावधान आकर्षित हुए.

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आगे की जांच में पाया गया कि नायक आरोपी है और वह केसीओसीए के अर्थ में "निरंतर गैरकानूनी गतिविधि" में शामिल था. इसके बाद केसीओसीए की धारा 24(2) के तहत मंजूरी दी गई और पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया गया. याचिका में कहा गया है कि की गई जांच से यह भी पता चला है कि अमोल काले के नेतृत्व वाले सिंडिकेट ने पुणे में डॉ नरेंद्र दाबोलकर की हत्या, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में गोविंदा पानसरे की हत्या सहित डॉ. एमएम कलबुर्गी की हत्या व  अन्य अपराध भी किए थे. हालांकि 22 अप्रैल, 2021 को दिए गए कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त के आदेश के साथ-साथ पूरक आरोपपत्र दोनों को रद्द कर दिया, इसलिए, नायक के खिलाफ KCOCA के तहत आरोप हटा दिए गए.
 

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