गैंगस्टर अतीक अहमद के हत्यारे दूसरी जेल में शिफ्ट, हत्या की जांच के लिए SIT गठित

पुलिस के पास इनपुट था कि अतीक अहमद की हत्या करने की वजह से इन तीनों आरोपियों पर प्रयागराज के नैनी जेल में हमला हो सकता है.

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नई दिल्ली:

माफिया अतीक अहमद की हत्या में शामिल आरोपियों को सोमवार को यूपी के दूसरे जेल में शिफ्ट में किया गया है. अभी तक ये तीनों आरोपी प्रयागराज के नैनी जेल में बंद थे. लेकिन अब इन्हें प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस के पास इनपुट था कि अतीक की हत्या करने की वजह से इन तीनों पर प्रयागराज की जेल में हमला हो सकता है. आरोपियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए ही सभी आरोपियों को दूसरे जेल में शिफ्ट किया गया है. 

बता दें कि कोर्ट ने अतीक की हत्या करने वाले सनी सिंह, अरुण मौर्य और लवलेश तिवारी को रविवार को ही 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की जांच के लिए प्रयागराज पुलिस कमिश्नर ने एडिशनल सीपी क्राइम सतीश चंद्रा की अगुवाई में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है. इस SIT में कुल तीन सदस्य हैं. 

शनिवार की रात हुई थी अतीक अहमद की हत्या

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या बीते शनिवार की रात की गई है. हत्या को उस समय अंजाम दिया गया था जब अतीक और उसके भाई को पुलिस मेडिकल जांच के लिए लेकर गई थी. इस घटना में तीन आरोपी शामिल थे. आरोपियों ने अतीक के पास पहुंचने के लिए खुदको मीडियाकर्मी बताया था. अतीक और उसके भाई की हत्या के बाद इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. 

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अतीक और अशरफ की हत्या को लेकर पुलिस पर उठे सवाल
प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ अहमद की हत्या को लेकर पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि पुलिस की चूक के चलते दोनों की हत्या करने में बदमाश कामयाब हो गए. शनिवार रात में अतीक के साथ 20 पुलिसकर्मी थे और हमलावर तीन थे इसके बाद भी दोनों को नहीं बचाया जा सका. हमलावरों ने लगभग 20 राउंड फायरिंग की लेकिन पुलिस की तरफ से एक राउंड फायर नहीं किया गया क्यों. इसके साथ ही अतीक अहमद की गाड़ी अस्पताल के बिल्कुल अंदर ले जाने की बजाय बाहर गेट पर क्यों रोकी गई. अतीक अहमद को देर रात मेडिकल के लिए पुलिस क्यों लेकर आई. शूटरों के पास विदेशी पिस्टल कहां से आईं ? पुलिस ने अस्पताल के अंदर जाने वालों की जांच क्यों नहीं की?. ये वो तमाम सवाल हैं जिनका जवाब अब पुलिस प्रशासन को देना है. 

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