वाराणसी में गंगा का रौद्र रूप, जलस्‍तर बढ़ने से घाटों का संपर्क टूटा, कई मंदिर जलमग्‍न, नावों के संचालन पर भी रोक

वाराणसी में गंगा नदी के जलस्‍तर पर लगातार इजाफा हो रहा है. दशाश्‍वमेध घाट के बगल में शीतला घाट स्थित शीतला देवी का मंदिर गंगा की लहरों से घिर गया है. वहीं विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती अब दशाश्‍वमेध घाट की छत पर हो रही है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर वर्तमान में 67.2 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे काशी के 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है.
  • गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कई प्राचीन मंदिर जलमग्न हो गए हैं, जिससे घाटों पर काम करने वाले पुरोहितों और नाविकों की आजीविका प्रभावित हुई है.
  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने गहरे पानी में स्नान करने और नावों के संचालन पर रोक लगा दी है, जिससे धार्मिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली :

वाराणसी में गंगा नदी इन दिनों उफान पर है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वर्तमान में यह 67.2 मीटर के स्‍तर पर पहुंच गई है. गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण काशी के 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है. घाट किनारे स्थित कई प्राचीन मंदिर जलमग्न हैं, जिससे घाटों पर बैठने वाले पुरोहितों और नाविकों की आजीविका पर संकट मंडराने लगा है. साथ ही प्रशासन ने ऐहतियातन नावों के संचालन पर भी रोक लगा दी है. इसके कारण यहां आने वाले श्रद्धालु भी काफी मायूस हैं. 

सावन का पवित्र महीना आमतौर पर लाखों श्रद्धालुओं को काशी की ओर आकर्षित करता है, लेकिन इस बार गंगा के रौद्र रूप के कारण घाट छोटे पड़ गए हैं और धार्मिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने गहरे पानी में स्नान करने से मना किया है.

दशाश्‍वमेध घाट की छत पर गंगा आरती

वाराणसी में गंगा नदी के जलस्‍तर पर लगातार इजाफा हो रहा है. यहां पर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. दशाश्‍वमेध घाट के बगल में शीतला घाट स्थित शीतला देवी का मंदिर गंगा की लहरों से घिर गया है. वहीं विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती अब दशाश्‍वमेध घाट की छत पर हो रही है. 

उफनती गंगा के कारण सैकड़ों परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. सबसे अधिक चिंता उन परिवारों को है, जिनकी आजीविका सीधे घाटों से जुड़ी है. सावन में ब्राह्मण वर्ग जहां सुबह से रात तक पूजा-पाठ कर आमदनी अर्जित करते थे, वहीं अब उनकी रोजी-रोटी ठप हो गई है. नाविकों को भी अपनी नौकाएं किनारे लगाने को मजबूर होना पड़ा है. 

हरिश्चंद्र घाट की सीढ़ियों पर हो रहा शवदाह

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट की सीढ़ियों पर अब शवदाह किया जा रहा है, जिस वजह से शव जलाने वाले यात्रियों को घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है. 

एक पुरोहित ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण उन्हें अपना स्थान छोड़ना पड़ा है. करीब 17 दिन में 10 बार उन्हें अपनी जगह बदलनी पड़ी है. लगभग सभी आरती स्थल जलमग्न हो चुके हैं. उन्होंने आगे बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ भी कम है, लेकिन कुछ कांवड़िए यहां आते हैं. 

Advertisement

हर साल यही स्थिति होती है: नाविक 

एक अन्य पुरोहित ने कहा, "गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे उनकी रोजी-रोटी की चिंता भी बढ़ रही है. अधिक पानी आएगा तो लगभग पूरी आमदनी खत्म हो जाएगी. इससे परिवार पर भी संकट आएगा." 

एक नाविक ने बताया, "नाव से गंगा भ्रमण पूरी तरह से बंद है. लगभग हर साल यही स्थिति होती है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण उन्हें करीब 3 महीने तक घर पर ही रहना पड़ता है." उन्होंने कहा कि पानी बढ़ने से उन्हें अपनी नावों को सुरक्षित रखना होता है.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Trump Tariff On India: ट्रंप की धमकी पर भारत का करारा जवाब, गिनवाए Russia संग America के सारे व्यापर