कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पांच राज्यों में पार्टी की ताजा चुनावी हार पर चर्चा के दौरान वरिष्ठ नेताओं को दिए अपने भाषण में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ इस्तीफा देने की पेशकश की. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पार्टी में किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं, लेकिन एक शीर्ष नेता के रूप में कार्य करते हैं.सोनिया गांधी ने कहा पार्टी के हित में जो बलिदान देना पड़ेगा देंगे.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बात की पुष्टि की कि यह टिप्पणी की गई थी, जैसा कि कांग्रेस के अन्य सूत्रों ने एनडीटीवी से बातचीत में यह पहले ही कह दिया था. चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पार्टी के हित लिए अपने पदों को छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम सभी ने इसे खारिज कर दिया."
शनिवार को कांग्रेस की बैठक से एक दिन पहले ही NDTV ने विशेष रूप से रिपोर्ट किया था कि गांधी परिवार नेतृत्व की भूमिका छोड़ने की पेशकश करेगा. इस खबर का पार्टी की ओर से जोरदार खंडन हुआ था. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर ट्वीट किया था कि एनडीटीवी पर अज्ञात स्रोतों के आधार पर कथित इस्तीफे की खबर पूरी तरह से अनुचित और गलत है. एक टीवी चैनल के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काल्पनिक स्रोतों से निकलने वाली इस तरह की निराधार कहानियों को प्रसारित करना अनुचित है.
हालांकि NDTV की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट सही साबित हुई है, जिसकी अधिकांश मीडिया ने भी पुष्टि की है कि गांधी परिवार ने कहा कि अगर पार्टी के हित में होगा तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.
एएनआई ने अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि गांधी परिवार ने इस्तीफा देने की पेशकश की, लेकिन प्रस्ताव को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया. द हिंदू ने भी ये रिपोर्ट की है.
कल जब इसे लेकर रणदीप सुरजेवाला से पूछा गया था तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया था, लेकिन उन्होंने इंकार भी नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि काफी विचार-विमर्श हुआ है. मीडिया के सामने अभी उन सूचनाओं को शेयर नहीं करना है. उन्होंने बताया, आखिर में निर्णय लिया गया कि संगठनात्मक चुनाव होने तक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कोई बात नहीं होगी.