15 साल का बच्चा मौत के गाने लगा था गुनगुनाने, हो गया था आक्रामक, ब्लू व्हेल गेम के चक्कर में किया सुसाइड

गेम की लत की बात उस वक्त सामने आई जब मृतक की नोटबुक की जांच की गई, जिसमें वह अपने घर के नक्शे और खिलाड़ियों की सूची रखता था. पिंपरी-चिंचवड़ की रावेट पुलिस स्टेशन में इस घटना की सूचना मिलते ही, कमरे की जांच की गई.

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किशोर ने अपनी नोटबुक में लॉगआउट भी लिखा था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पुणे:

ब्लू व्हेल नाम के एक गेम ने 2016-17 में दुनियाभर के लोगों को हिला दिया था. ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक ऐसा गेम था जिसे खेलते हुए बच्चे आत्महत्या कर लेते थे. इस गेम के कारण भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, यूक्रेन और रूस में 100 से अधिक बच्चों की जान चली गई थी. हालांकि, लग रहा है कि इसी तरह का गेम एक बार फिर भारत में लौट आया है और इसके चलते पुणे में 15 वर्षीय एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली है. जानकारी के मुताबिक नाबालिग ने 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. ऐसे में डिजिटल इंडिया के इस युग में इस तरह के गेम पर पाबंदी लगाए जाने और कड़ी नजर रखने की मांग उठाई जा रही है. यहां बता दें कि ब्लू व्हेल पहले से भी भारत में बैन है. 

मां ने बताया कुछ महीने से बदला-बदला था किशोर का व्यवहार

मृतक की मां स्वाति श्रीराव ने इस बारे में बात करते हुए कहा, आर्य एक ऐसा लड़का था जो बात करने में झिझकता था और कम ऊंचाई से भी उसे बहुत डर लगता था लेकिन फिर भी उसने 14वीं मंजिल से छलांग लगा ली. उन्होंने बताया कि पिछले 3-4 महीने से आर्य का व्यवहार बदल गया था. वह आक्रमक हो गया था और बिना किसी कारण वह मुझे और अपने भाई को नुकसान पहुंचाता था. वह घंटों तक अपने कमरे में लैपटॉप पर बैठा रहता था और मुझे लगता था कि वह पढ़ाई कर रहा है. घटना के दिन मैं छोटे बेटे का ध्यान रख रही थी क्योंकि वह बीमार था और उसे बुखार था. मुझे देर रात हमारी सोसाइटी के व्हॉट्सएप ग्रुप से पता चला कि एक लड़का गिर गया है. जब मैंने देखा तो पता चला कि मेरा बेटा आर्य ही गिरा है. इसके बाद मैं अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर पाई. मेरा बेटा कुछ समय से मौत के गाने सुनने लगा था. वह कहता था, "चिंता करने की कोई बात नहीं है, जीवन और मृत्यु सब एक जैसे हैं."

मृतक की नोटबुक से हुआ गेम का खुलासा

बता दें कि गेम की लत की बात उस वक्त सामने आई जब मृतक की नोटबुक की जांच की गई, जिसमें वह अपने घर के नक्शे और खिलाड़ियों की सूची रखता था. पिंपरी-चिंचवड़ की रावेट पुलिस स्टेशन में इस घटना की सूचना मिलते ही, कमरे की जांच की गई, जहां उसका लैपटॉप, एक सुसाइड नोट और मोबाइल फोन जब्त किया गया. कमरे से जो कागज बरामद किया गया उसपर पेंसिंल से उसके अपार्टमेंट और गैलरी से कूदने वाला टास्क बना हुआ है. नक्शे में ये भी बताया गया था कि कहां से कूदना है.

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पेपर पर मिला 'लॉगआउट' शब्द

इसी पेपर में 'लॉगआउट' शब्द भी लिखा है. यही नहीं, गेम से जुड़ी कुछ बातें कोडिंग भाषा में भी लिखी हुई हैं और उसके कागज भी आर्य के कमरे से बरामद किए गए हैं. जो कागज मिले हैं उसमें एक मल्टीप्लेयर कॉम्बैट गेम का जिक्र भी किया गया है. मृतक लड़के के लैपटॉप का पासवर्ड अभी तक उसके माता-पिता और पुलिस को नहीं पता है इसलिए पुलिस के सामने गेम की पूरी जानकारी हासिल करने की बड़ी चुनौती है. जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है.

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कुछ महीनों से बातें छिपा रहा था आर्य

आर्य के पिता ने बताया कि उनका बेटा कुछ महीनों से अपनी कई बातें छिपा रहा था. यहां तक कि वह अपने लैपटॉप की सर्च हिस्ट्री भी डिलीट करता रहता था. आर्य के कमरे में मिले नोट में दस नामों का जिक्र किया गया है. मृतक के पिता ने इन नामों को लेकर भी सचेत किया है. 

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मृतक के पिता ने कही ये बात

मृतक के पिता उमेश श्रीराव ने कहा, "मैं अपने काम के लिए नाइजीरिया में था और मेरी पत्नी स्वाति ने मुझे उसके व्यवहार के बारे में बताया तो मैंने उससे इस बारे में बात की लेकिन उसने सामान्य प्रतिक्रिया दी. जब मुझे यह सब पता चला, तो मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हम इस बारे में खुलकर बात कर रहे हैं क्योंकि हमें लगता है कि किसी भी माता-पिता को वह सब नहीं सहना पड़े जो हमने सहा है और कृपया अपने बच्चों पर नज़र रखें क्योंकि वो ऐसी चीज़ों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं. जो स्केच मिला है उसमें 10 नाम थे, इसलिए मैं हर माता-पिता से अपील करता हूं कि वो अपने बच्चे की हरकतों के प्रति सचेत रहें."

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TISS iCall 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

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