Future-Amazon case: सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन की अपील पर फ्यूचर रीटेल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

Future Retail-Amazon Case: फ्यूचर- अमेजन विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेजन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. पिछले हफ्ते अमेजन की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी.

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Amazon-Future Retail विवाद का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है
नई दिल्ली:

Future-Amazon case: फ्यूचर रीटेल और अमेजन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. फ्यूचर (Future Retail) के खिलाफ मध्यस्थता मामले पर रोक के खिलाफ अमेजन की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की 23 फरवरी को सुनवाई करेगा. दरअसल पिछले हफ्ते अमेजन की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी. फ्यूचर- अमेजन विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेजन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. 

इससे पहले फ्यूचर- अमेजन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले सभी आदेश रद्द कर दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने  HC को फिर से सभी मुद्दों पर मेरिट के आधार पर फैसला लेने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने रिलायंस-फ्यूचर डील के खिलाफ हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया है. दरअसल, फ्यूचर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से रिलायंस के साथ एसेट  डील प्रकिया आगे बढ़ाने की इजाजत मांगी थी और 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था. SC को यह तय करना था कि क्या फ्यूचर ग्रुप को फ्यूचर रिटेल- रिलायंस एसेट सेल डील के लिए रेगुलेटरी मंजूरी के लिए प्रक्रिया जारी रखने की इजाजत दी जा सकती है ? 

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इसी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगापुर ट्रिब्यूनल में अमेजन की मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. पांच जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में अमेजन की मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक लगाई थी. डिवीजन बेंच ने फ्यूचर ग्रुप की अपील पर अंतरिम आदेश पारित किया था. हाईकोर्ट ने कहा था CCI द्वारा डील को दी गई मंजूरी पर रोक लगाने और उस पर तथ्यों को छुपाने के फैसले से प्रथम दृष्टया मामला फ्यूचर ग्रुप के पक्ष में है.

दरअसल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के 18 दिसंबर को दिए निर्देश में  2019 की अमेज़ॅन- फ्यूचर डील के लिए मंजूरी को निलंबित कर दिया था.  CCI का फैसला था कि अमेज़ॅन द्वारा प्रासंगिक जानकारी का खुलासा नहीं किया गया था. CCI ने अमेज़ॅन पर ₹200 करोड़ का जुर्माना लगाया था लेकिन उसने अमेज़ॅन को 17 फरवरी तक नए दस्तावेज़ दाखिल करने का समय दिया, जिसके बाद वह सौदे की अनुमति पर पुनर्विचार करेगा.

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